केंद्रीय मंत्रिपरिषद द्वारा जल्द ही बिहार, आंध्र प्रदेश और पंजाब सहित अन्य राज्यों में 12 औद्योगिक पार्कों को मंजूरी मिल सकती है। इस परियोजना की लागत करीब 25,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। मामले से अवगत लोगों ने इसकी जानकारी दी।
घटनाक्रम के जानकार एक व्यक्ति ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा कि इन परियोजनाओं से करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होने की उम्मीद है। ये औद्योगिक पार्क काफी हद तक औद्योगिक शहरों की तरह होंगे, जहां व्यावसायिक आवासीय के साथ ही व्यावसायिक सेटअप भी होंगे।
यह विदेशी निवेश को आकर्षित करने तथा घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने की सरकार की एक और पहल है, जिसके परिणामस्वरूप देश में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। इस हफ्ते की शुरुआत में केंद्रीय मंत्रिपरिषद से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम के तहत 12 औद्योगिक पार्कों को मंजूरी देने की योजना के बारे में बताया था। इसके कुछ सप्ताह बाद ही इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
सीतारमण ने जुलाई में पेश आम बजट में कहा था, ‘हमारी सरकार निवेश के लिए तैयार ‘प्लग ऐंड प्ले’ औद्योगिक पार्कों के विकास को बढ़ावा देगी। निजी क्षेत्र की साझेदारी में बेहतर टाउन प्लानिंग योजना का उपयोग करते हुए 100 शहरों में या उसके आसपास संपूर्ण बुनियादी ढांचे के साथ विकसित किए जाएंगे।’
ये नए औद्योगिक शहर तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, केरल जैसे विभिन्न राज्यों के शहरों जैसे आगरा, प्रयागराज और गया आदि में विकसित किए जाएंगे।
ये औद्योगिक पार्क उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में विकसित-एकीकृत औद्योगिक टाउनशिप और गुजरात के धोलेरा में विशेष निवेश क्षेत्र की तरह होंगे।
मामले की जानकारी रखने वाले शख्स ने कहा कि इन पार्कों में तकनीकी टेक्सटाइल, फैब्रिकेशन, इलेक्ट्रिक वाहन, एरो लॉजिस्टिक्स, खाद्य प्रसंस्करण तथा पर्यटन आधारित उद्योग विकसित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इन औद्योगिक नगरों के अगले तीन साल के दौरान विकसित होने की उम्मीद है।
सरकार ने ज्यादातर मंजूरियां दे दी हैं ताकि परियोजना में देरी न होने पाए। उक्त व्यक्ति ने कहा, ‘जमीन अधिग्रहण का काम पूरा हो चुका है। पर्यावरण तथा अन्य मंजूरियां भी मिल चुकी हैं, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि इन औद्योगिक शहरों का विकास समयबद्ध पूरा हो जाएगा।’
बजट में यह गया में औद्योगिक नोड विकसित करने का भी जिक्र किया गया था, जो हमारे सांस्कृतिक महत्त्व के प्राचीन केंद्रों को आधुनिक अर्थव्यवस्था के भविष्य के केंद्रों के तौर पर विकसित करने के लिए अच्छा मॉडल होगा और भारत की विकास यात्रा में यह ‘विकास भी, विरासत भी’ को प्रदर्शित करेगा।