देवनहल्ली के नए हवाई अड्डे का प्रबंधन करने वाली बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (बीआईएएल) ने आम लोगों के विरोध के बावजूद प्रयोगकर्ता विकास शुल्क (यूडीएफ) बरकरार रखने का ऐलान किया है।
बीआईएएल का कहना है कि यह फंड भविष्य में विकास के लिए जरूरी है, जो स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों उडानों पर लागू रहेगा।
वहीं हैदराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एचएआईएल) ने जनता के दबाव को देखते हुए कम खर्च पर चलने वाली घरेलू उड़ानों और सरकारी उड़ानों से यूडीएफ हटा लिया है।
हालांकि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर इससे 1000 करोड़ रुपये का बोझ बना रहेगा। बीएआईएल पर यूडीएफ को हटाने के लिए चौतरफा दबाव पड़ रहा है।
खासकर घरेलू सेवाओं को लेकर इसका खासा विरोध हो रहा है। नागरिक विमानन मंत्रालय ने भी हवाई अड्डा प्राधिकरण को लेवी पर पुनर्विचार करने के लिए पत्र लिखा है।
हालांकि बीएआईएल के सीईओ एल्बर्ट ब्रूनर ने कहा कि कंपनी प्रयोगकर्ता शुल्क हटाने के पक्ष में नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘सरकार चाहती है कि हम यूडीएफ पर फिर से विचार करें। लेकिन हमारा विचार है कि यूडीएफ, भविष्य में हवाई अड्डे के विस्तार के लिए फंड जुटाने के लिए लगाया गया है।
प्रयोगकर्ता शुल्क, टोल की तरह है, जो इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के लिए प्रयोग किया जाता है। हालांकि हमारा विचार है कि शुरुआती दो महीनों के लिए यूडीएफ में 50 प्रतिशत की छूट दी जाए।’
इस ऑफर के तरह 31 मई तक घरेलू उड़ानों के लिए 240 रुपये और अतिरिक्त कर तथा अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए प्रति यात्री 520 रुपये और अतिरिक्त कर रहेगा।
इसके बाद यह फीस समझौते के मुताबिक घरेलू उड़ानों के लिए 675 रुपये और अतिरिक्त कर तथा अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए 955 रुपये और अतिरिक्त कर होगा।
ब्रूनर ने कहा, ‘पूरी दुनिया में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के यात्रियों के लिए यूडीएफ एक समान है। हमने घरेलू उड़ानों के लिए यूडीएफ पहले ही कम कर दिया है।’
उन्होंने कहा कि यूडीएफ लगाने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है। कंपनी को दूसरे चरण के विस्तार के लिए अतिरिक्त धन की जरूरत होगी, जिसके लिए फंड जरूरी है।