चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में अग्रिम कर संग्रह में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसकी वजह से इस साल की शुरुआत में कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण हुए व्यवधान के बाद सरकार को आर्थिक बहाली को गति देने के लिए अतिरिक्त खर्च करने की ताकत मिली है।
शुक्रवार को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की ओर से जारी किए गए शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक 1 जुलाई और 22 सितंबर के बीच अग्रिम कर बढ़कर 1.72 लाख करोड़ रुपये हो गया, जिसमें पिछले साल की समान अवधि में आए 1.13 लाख करोड़ रुपये अग्रिम कर की तुलना में 51.2 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। अप्रैल से सितंबर के बीच अग्रिम कर संग्रह 2.52 लाख करोड़ रुपये रहा है, जिसमें पिछले साल की समान अवधि के 1.62 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 56 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
वित्त वर्ष की पहली छमाही में कुल अग्रिम कर में कॉर्पोरेशन कर की हिस्सेदारी 1.96 लाख करोड़ रुपये और व्यक्तिगत आयकर की हिस्सेदारी 56,349 करोड़ रुपये रही है। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा है, ‘यह राशि आगे और बढऩे की उम्मीद है क्योंकि बैंकों से आगे की सूचना आने का इंतजार किया जा रहा है।’
चालू वित्त वर्ष में अब तक का कर संग्रह वित्त वर्ष 2019-20 के 2.21 लाख करोड़ रुपये के स्तर की तुलना में 14.62 प्रतिशत ज्यादा है। अग्रिम कर का भुगतान कमाई पर साल के आखिर में भुगतान के बजाय 4 किस्तों में किया जाता है। इसे आर्थिक धारणा का संकेतक माना जाता है। अग्रिम कर की पहली किस्त का भुगतान 15 जून तक होता है, जो कुल अनुमानित कर का 15 प्रतिशत होता है। दूसरी किस्त 15 सितंबर तक (30 प्रतिशत), तीसरी 15 दिसंबर तक (30 प्रतिशत) और शेष भुगतान 15 मार्च तक करना होता है।
शुद्ध रिफंड के बाद प्रत्यक्ष कर संग्रह 22 सितंबर को बढ़कर 5.7 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 3.27 लाख करोड़ रुपये कर संग्रह की तुलना में 74.4 प्रतिशत ज्यादा है। रिफंड के बाद कॉर्पोरेशन कर 3.02 लाख करोड़ रुपये और प्रतिभूति लेनदेन कर सहित व्यक्तिगत आयकर 2.67 लाख करोड़ रुपये है। पिछले साल की तुलना में सकल कर संग्रह 47 प्रतिशत बढ़कर 6.45 लाख करोड़ रुपये रहा है। इसमें 3.58 लाख करोड़ रुपये कॉर्पोरेशन कर और एसटीटी सहित 2.86 लाख करोड़ रुपये व्यक्तिगत आयकर शामिल है।
इक्रा रेटिंग्स में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि वित्त वर्ष 2022 में कोविड के पहले की तुलना में केंद्र के सकल कर संग्रह में 17 प्रतिशत की तेज बढ़ोतरी हुई है। यह महामारी का असर कम होने का उत्साहजनक संकेत है। उन्होंने कहा, ‘मेरे विचार से प्रत्यक्ष कर संग्रह में तेज बढ़ोतरी भारतीय अर्थव्यवस्था के औपचारिक होने की वजह से हुई है, जो पहले से ही चल रही है, लेकिन महामारी में इसकी रफ्तार तेज हो गई।’
