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कोरोना काल से पहले के मुकाबले गिरा आर्थिक गतिविधियों का स्तर- एडीबी

Last Updated- December 11, 2022 | 3:01 PM IST

आर्थिक गतिविधियां अब भी महामारी-पूर्व के स्तर पर नहीं पहुंच पाई हैं लिहाजा भारतीय रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में वृद्धि की रफ्तार को धीमा कर सकता है। 
 एशियाई विकास बैंक (एडीबी) की ताजा रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वृद्धि को समर्थन के लिए रिजर्व बैंक ब्याज दरों में वृद्धि की रफ्तार को अगले साल तक धीमा कर सकता है। 

 मनीला स्थित बहुपक्षीय वित्तपोषण एजेंसी एडीबी ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की मुद्रास्फीति के अनुमान को बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है। पहले उसने इसके 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। 

 एडीबी ने अगले वित्त वर्ष के लिए भी मुद्रास्फीति के अनुमान को पांच से बढ़ाकर 5.8 प्रतिशत कर दिया है। एडीबी ने अपनी प्रमुख एशियाई विकास परिदृश्य (एडीओ)-2022 रिपोर्ट में कहा है कि मुद्रास्फीति इस साल और अगले वर्ष भी ऊंचे स्तर पर बनी रहेगी। 

 चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति 6.7 प्रतिशत रहेगी, जबकि अगले वित्त वर्ष में यह घटकर 5.8 प्रतिशत पर आ जाएगी। फिर भी यह रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से कुछ कम है। 

 सरकार ने रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) के दायरे में रखने का लक्ष्य दिया है। ये दोनों अनुमान एडीओ-2022 के पूर्वानुमानों से अधिक हैं। 

 एडीबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में आपूर्ति का दबाव कम होगा, लेकिन मांग पक्ष के दबाव की वजह से मुद्रास्फीति के ऊपर जाने का जोखिम रहेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि आर्थिक गतिविधियां अब भी महामारी-पूर्व के स्तर से कम हैं लेकिन रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में वृद्धि करेगा। 

 हालांकि, केंद्रीय बैंक आर्थिक गतिविधियों के महामारी-पूर्व के स्तर से नीचे रहने की वजह से अगले साल तक नीतिगत दरों में वृद्धि की रफ्तार को कम करने पर विचार करेगा। मुद्रास्फीति पर काबू के लिए रिजर्व बैंक ने करीब चार माह में नीतिगत दर रेपो में अब तक 1.40 प्रतिशत की वृद्धि की है।

First Published - September 25, 2022 | 5:45 PM IST

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