सरकार ने मंगलवार को संपन्न मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के अंतर्गत ब्रिटेन को एक महत्त्वपूर्ण रियायत दी है। इसके तहत भारत ने विशाल सरकारी खरीद बाजार तक ब्रिटेन को ‘कानूनी रूप से गारंटीशुदा पहुंच’ प्रदान की है। कुल मिलाकर ब्रिटेन के लिए सरकारी खरीद का बाजार एक तरह से खोल दिया है। ब्रिटेन सरकार के अनुसार इससे वहां के व्यवसायों को हर साल तकरीबन 38 अरब पाउंड मूल्य के लगभग 40,000 भारतीय निविदाओं के लिए बोली की अनुमति मिलेगी।
नीति पत्र में ब्रिटेन के कारोबार एवं व्यापार विभाग ने कहा, ‘पहली बार ब्रिटेन की कंपनियां भारत में अधिकांश केंद्रीय संस्थाओं और साथ ही सरकार के स्वामित्व वाले उद्यमों के लिए विभिन्न प्रकार की वस्तुओं, सेवाओं और निर्माण खरीद में प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होंगी।’ भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार करार के सरकारी खरीद अध्याय के तहत हुए समझौते के माध्यम से ब्रिटेन की कंपनियों को ‘मेक इन इंडिया’ नीति के तहत उसी तरह की रियायत मिलेगी जिस तरह भारत में विनिर्माण या उत्पादन करने वाली कंपनियों को सरकारी खरीद में तरजीह दी जाती है। नीति पत्र में कहा गया है कि ब्रिटेन की कंपनियों को श्रेणी 2 का आपूर्तिकर्ता माना जाएगा।
भारत अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का करीब 20 फीसदी सार्वजनिक खरीद पर खर्च करता है और ब्रिटेन के आपूर्तिकर्ताओं को इनमें से अनेक अनुबंधों के लिए बेहतर शर्तों पर बोली लगाने का अवसर मिलेगा।