वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोविड-19 वैक्सीन के शोध व विकास के लिए 900 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने आश्वस्त किया है कि जरूरत पडऩे पर वैक्सीन की लागत और लॉजिस्टिक्स जरूरतों के लिए आगे और मुहैया कराया जाएगा।
शोध के लिए धन बायोटेक्नोलॉजी विभाग को आवंटित किया गया है, जो वित्त मंत्री की ओर से घोषित प्रोत्साहन पैकेज का हिस्सा है। सीतारमण ने कहा, ‘देश इंतजार कर रहा है कि एक या कई प्रभावी वैक्सीन आए। हम इसके शोध और विकास पर धन खर्च कर रहे हैं, उसके अलावा इसे खरीदने व वितरण के लिए भी धन दिया जाएगा। साथ ही हम वैक्सीन के विकास को लेकर भी नजर बनाए हुए हैं।’ हैदराबाद की इंडियन इम्यूनोलॉडिकल्स लिमिटेड के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर प्रसन्ना देशपांडे ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि इससे निश्चित रूप से नई परियोजनाएं शुरू करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘अगर कंपनियां नई तकनीक, नई गुणवर्धक औषधियों आदि पर काम कर रही हैं तो परियोजनाओं को इस फंड से प्रोत्साहन मिलेगा।’ बहरहाल देशपांडे ने कहा कि यह साफ नहीं है कि फंड का इस्तेमाल कोविड-19 वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल में होगा या नहीं।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकाकर अभी भी महामारी के असर के मुताबिक प्रोत्साहन पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना के मामले एकतरफा नहीं बढ़े हैं और मृत्यु दर भी कम हुई है। सरकार द्वारा कोरोनावायरस वैक्सीन के लिए घोषित यह पहला वित्तीय पैकेज है। नीति आयोग में स्वास्थ्य सदस्य वीके पॉल की अध्यक्षता में बनी राष्ट्रीय समिति वैक्सीन खरीद व वितरण की प्रक्रिया का खाका तैयार कर रही है।
अमेेरिका, जापान और ब्रिटेन जैसे तमाम अमीर देशों ने पहले ही दवा कंपनियों को भुगतान कर दिया है।
