भारत के विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) के लिए पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) मई महीने में बढ़कर 31 माह के उच्च स्तर 58.7 पर पहुंच गया, जो अप्रैल में 57.2 पर था। एक निजी एजेंसी की रिपोर्ट में गुरुवार को कहा गया है कि इनपुट स्टॉक के रिकॉर्ड विस्तार और नए ऑर्डर व आउटपुट में तेज बढ़ोतरी के कारण ऐसा हुआ है।
एसऐंडपी ग्लोबल के सर्वे में कहा गया है, ‘मई में भारत के विनिर्माण पीएमआई में उत्साहजनक प्रगति हुई है और इस सेक्टर की सकारात्मक तस्वीर आई है। मांग में उल्लेखनीय मजबूती आई है और फैक्टरी ऑर्डरों में जनवरी 2021 के बाद की सबसे तेज बढ़ोतरी हुई है।’
सर्वे में 50 से अधिक अंक प्रसार और इससे कम अंक संकुचन के संकेतक होते हैं। इसके पहले अक्टूबर 2020 में विनिर्माण पीएमआई 58.9 रिकॉर्ड किया गया था।
मई के आंकड़ों से पता चलता है कि लगातार 23 महीने से फैक्टरी ऑर्डर बढ़ रहे हैं और विज्ञापन में तेजी, मांग मजबूत रहने और अनुकूल आर्थिक वातावरण रहने के कारण ऐसा हुआ है। सर्वे में कहा गया है, ‘मई के आंकड़े से संकेत मिलता है कि खरीद की मात्रा में तेज और त्वरित बढ़ोतरी हुई है और विस्तार की दर 12 साल में सबसे तेज है। सर्वे में शामिल सदस्यों के मुताबिक नए कारोबार में बढ़ोतरी और स्टॉक निपटाने की कवायद के कारण खरीद के स्तर पर तेजी आई है। मई में निर्यात के नए ऑर्डर से लाभ मिला है। कंपनियों ने 6 महीनों में अंतरराष्ट्रीय बिक्री में सबसे तेज विस्तार दर्ज किया है।’
एसऐंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में इकनॉमिक्स एसोसिएट डायरेक्टर पॉलियाना डी लीमा ने कहा कि पीएमआई के आंकड़ों से बिक्री में तेजी और भारत में बने उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय व घरेलू बाजार में तेज मांग का पता चलता है। उन्होंने कहा, ‘घरेलू ऑर्डर तेज होने से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है। अंतरराष्ट्रीय साझेदारी के कारण विदेश से व्यापार बढ़ा है। इससे भारत की वैश्विक बाजार में स्थिति मजबूत हुईहै। इसकी वजह से मई में रोजगार के अवसर का भी सृजन हुआ है।’