सरकार 100 दिन के काम के एजेंडे के तहत सार्वजनिक खरीद पोर्टल, गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस पर कार्य अनुबंधों की अनुमति देने के प्रस्ताव पर काम कर रही है।
कार्य अनुबंध में सेवाओं के साथ वस्तुओं का स्थानांतरण शामिल हैं।
उदाहरण के लिए भवनों, सड़कों का निर्माण, संयंत्र स्थापित करने व इस तरह की अन्य गतिविधियां शामिल होंगी। इस समय केंद्र सरकार के सभी मंत्रालय व विभाग पंजीकृत वस्तु एवं सेवा प्रदाताओं से सिर्फ जीईएम पोर्टल से ही वस्तुओं व सेवाओं को खरीद सकते हैं।
जीईएम प्रस्ताव को अंतिम रूप देने और इसे वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय को भेजने की प्रक्रिया में है। इसके बाद इसे मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
जीईएम के मुख्य कार्याधिकारी प्रशांत कुमार सिंह ने गुरुवार को कहा, ‘हमने 100 दिन के भीतर जीईएम कार्य अनुबंधों पर अनुमोदन मांगा है। वाणिज्य विभाग इसके लिए कैबिनेट से मंजूरी की मांग करेगा।’
इस सप्ताह की शुरुआत में व्यापक परामर्श किया गया और अगले दौर की बैठक अगले सप्ताह होनी है। जीईएम ने खरीदारों के साथ कंस्ट्रक्शन एजेंसियों से भी इस विषय पर सुझाव मांगे हैं। इसे लागू किए जाने से वक्त में कमी आएगी, साथ ही प्रक्रिया का मानकीकरण, पारदर्शिता और कॉन्ट्रैक्ट को बाधारहित तरीके से लागू किया जाना सुनिश्चित हो सकेगा। इससे ऑडिट में भी पारदर्शिता आएगी और याचिकाओं की संख्या भी घटेगी। बहरहाल विचार यह है कि इसमें धीरे धीरे कर के कार्य अनुबंध दिए जाएंगे, न कि पूरे काम को एक साथ दिया जाएगा, क्योंकि कार्य अनुबंध बहुत ज्यादा हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020 के बजट के दौरान उल्लेख किया था कि जीईएम देश भर में एकीकृत खरीद व्यवस्था की ओर बढ़ रहा है, जिसमें सभी वस्तुएं, सेवाएं और काम शामिल होगा। सीतारमण ने कहा था, ‘इससे छोटे और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को बड़ा अवसर मिल सकेगा। पहले ही 3.24 लाख वेंडर इस प्लेटफॉर्म पर हैं।’सिंह ने कहा कि सरकार के 100 दिन के एजेंडे में जीईएम सहायक के लिए निविदा आमंत्रित करना भी शामिल है।
अंतिम विक्रेताओं तक पहुंचने और सरकारी खरीद को सरल करने के लिए जीईएम ने जीईएम सहायक कार्यक्रम शुरू करने की योजना बनाई है, जिसका मकसद पूरे देश में 6,000 से 7,000 प्रशिक्षित और प्रमाणित व मान्यताप्राप्त ट्रेनरों का नेटवर्क बनाना है। सहायक अपनी सेवाएं संभावित और मौजूदा जीईएम विक्रेताओं को प्रदान करेंगे। खरीदार भी इन सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।
सिंह ने कहा कि इस साल के अंत तक यह दुनिया का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म बन जाएगा, जिससे चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में खरीद 1.24 लाख करोड़ पार कर गई है। दक्षिण कोरिया का केओएनईपीएस इस तरह का विश्व का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म है, उसके बाद जीईएम का स्थान है।
सिंह ने कहा, ‘जीईएम ने पहली (अप्रैल-जून) तिमाही के अंत में 1,24,761 लाख करोड़ रुपये का सकल व्यापारिक मूल्य दर्ज किया, जो तिमाही आधार पर पिछले वर्ष के 52,670 करोड़ रुपये की तुलना में 136 प्रतिशत अधिक है।’ उन्होंने कहा कि इस तिमाही के दौरान सेवाओं की खरीद 80,500 करोड़ रुपये पहुंच गई है। 2023-24 में इस पोर्टल से खरीद 4 लाख करोड़ रुपये पार कर गई थी।
कारोबार सुगमता को प्रोत्साहित करने के लिए जीईएम ने विक्रेताओं पर लगने वाला लेनदेन शुल्क बहुत ज्यादा कम कर दिया था। जीईएम की नई राजस्व नीति के मुताबिक विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं से 5 लाख रुपये से ज्यादा के ऑर्डर पर ऑर्डर मूल्य का महज 0.30 प्रतिशत शुल्क लिया जाएगा। जीईएम अपना एआई आधारित चैटबोट जीईएमएआई आगामी तिमाही में तैनात करने वाला है, यह भी 100 दिन के एजेंडे में शामिल है।