इंडियन प्रीमियर लीग (IPL Brand Value) की ब्रांड वैल्यू 28 फीसदी बढ़कर 10.7 अरब डॉलर हो गई। ब्रांड फाइनैंस की बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में यह बताया गया। इस वृद्धि के साथ लीग ने डेकाकॉर्न (decacorn) का दर्जा पा लिया है।
क्या होता है डेकॉकार्न ?
डेकॉकार्न ऐसी निजी कंपनी को कहा जाता है जिसका मूल्यांकन 10 अरब डॉलर या उससे अधिक होता है। पिछले साल यानी साल 2022 में आईपीएल की ब्रांड वैल्यू 8.4 अरब डॉलर थी। साल 2008 में लीग की शुरुआत में इसकी ब्रांड वैल्यू 2 अरब डॉलर थी, जिसमें अब तक 433 फीसदी का इजाफा हुआ है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि लीग की ब्रांड वैल्यू में इतना बड़ा इजाफा होने का कारण दर्शकों की स्टेडियम में पूरी तरह वापसी, विभिन्न उपकरणों पर दर्शकों की बढ़ती संख्या, मीडिया के साथ बड़ी साझेदारी और विज्ञापनदाताओं के बीच फिर से विश्वास हासिल करना है। इसमें यह भी कहा गया है कि महिला प्रीमियर लीग की शुरुआत और जिओ सिनेमा ऐप के जरिये मुफ्त स्ट्रीमिंग से भी लीग की ब्रांड वैल्यू बढ़ी है।
ब्रांड फाइनैंस के स्पोर्ट्स सर्विस प्रमुख ह्युगो हेंसले ने कहा, ‘आईपीएल ब्रांड अन्य सभी टी20 लीगों के लिए एक मार्गदर्शक की तरह बन गया है जो बताता है कि किसी भी कारोबारी मॉडल को कैसे दुनियाभर में सफलतापूर्वक बढ़ाया जा सकता है। इसमें शामिल सभी टीमें पूरे साल खिलाड़ी प्रबंधन को संभालने, टूर्नामेंट आयोजित करने और प्रायोजक पूल का प्रबंधन करने के लिए पेशेवरों की सक्रिय रूप से भर्ती कर रही हैं।’
मुंबई इंडियन सबसे अमीर
आईपीएल की सभी फ्रैंचाइजी में मुंबई इंडियन सबसे मूल्यवान है। कंपनी का मूल्यांकन 8.7 करोड़ डॉलर है और टीम साल 2020 से ही शीर्ष पर बरकरार है। मुंबई इंडियंस के बाद चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) का स्थान है, जो 8.06 करोड़ डॉलर के मूल्यांकन के साथ कोलकाता नाइट राइडर्स से आगे है। 7.86 करोड़ डॉलर के साथ कोलकाता नाइट राइडर्स तीसरे स्थान पर है और इसके बाद 6.98 करोड़ डॉलर के मूल्यांकन के साथ रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर की टीम है।
गुजरात टाइटंस 6.54 करोड़ डॉलर के मूल्यांकन के साथ पांचवीं सबसे अमीर टीम है। 2008 में शुरुआत के बाद से सीएसके की ब्रांड वैल्यू दोगुना से ज्यादा हो गई है।