आईटी सेवा प्रदाता विप्रो (Wipro) फिर से सुर्खियों में है। विप्रो में शामिल होने के बाद फ्रेशरों को नया टेस्ट देने को कहा जा रहा है, जिसमें फेल होने पर उन्हें बाहर निकाला जा सकता है।
कुछ महीने पहले भी विप्रो ने फ्रेशरों से कम वेतन (जिसके के लिए वे पात्र थे, उसकी तुलना में कम) पर शामिल होने को कहा गया था।
विप्रो ने फ्रेशरों को पूर्व में पेश 6.5 लाख रुपये सालाना के बजाय 3.5 लाख रुपये के वेतन देना अनिवार्य बना दिया था, जबकि यह वेतन श्रेणी उपलब्ध ही नहीं थी।
इन फ्रेशर को वेलोसिटी नाम से एसेसमेंट प्रोग्राम क्लियर करना था। अब मार्च 2023 में कंपनी से जुड़े फ्रेशर को बताया जा रहा है कि उन्हें फिर से नैसेंट इन्फॉर्मेशेन टेक्नोलॉजी इम्पलॉयीज सीनेट ( Nascent Information Technology Employees Senate-NITES ) के प्रशिक्षण से गुजरने की जरूरत होगी।
NITES के अध्यक्ष हरप्रीत सिंह सलूजा ने कहा, ‘मार्च 2022 में, विप्रो का अवैतनिक वेलोसिटी प्रशिक्षण शुरू होने से पहले, कंपनी के HR विभाग ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया था कि यदि वे प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करते हैं तो उन्हें कंपनी में फिर से किसी ट्रेनिंग से नहीं गुजरना पड़ेगा। हालांकि 30 मार्च, 2023 को कंपनी में शामिल होने वाले फ्रेशरों के लिए विप्रो ने अचानक अपना रुख बदल दिया और कहा कि कर्मियों को फिर से प्रशिक्षण से गुजरना होगा।’
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ईमेल संदेश के जवाब में एक अधिकारी ने कहा, ‘विप्रो में हम अपनी प्रतिभाओं को आगे बढ़ते और सफल होते देखना पसंद करते हैं। प्रोजेक्ट रेडिनेस प्रोग्राम (PRP) हमारी नियमित प्रक्रियाओं का हिस्सा है।’