आईटी सेवा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी विप्रो ने बीते वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में महज 612 नई भर्तियां की हैं। इसका कारण कंपनी जगत में निकट अवधि में अनिश्चितता का माहौल होने की संभावना और बड़ी संख्या में भर्तियों के प्रति सतर्क रुख अख्तियार करना है। पूरे साल के दौरान कंपनी में महज 1,032 नए लोगों को नौकरी पर रखा गया।
बीते साल कंपनी में स्वेच्छा से नौकरी छोड़ने वालों की तादाद एक साल पहले के 14.2 फीसदी के मुकाबले बढ़कर 15 फीसदी हो गई। प्रशिक्षुओं को छोड़कर कुल उपयोग 84.6 फीसदी रहा, जो एक साल पहले के 86.9 फीसदी के मुकाबले कम है।
कंपनी के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी सौरभ गोविल ने कहा कि कम मांग वाले माहौल में उपयोग में सुधार की अभी भी गुंजाइश है। आईटी सेवा कंपनी ने कहा कि उसने पिछले वित्त वर्ष में कॉलेजों से करीब 10 से 12 हजार इंजीनियरों की भर्ती की है। मगर उसने यह नहीं बताया कि वह चालू वित्त वर्ष में कितने लोगों को नियुक्त करेगी, क्योंकि कंपनियां नियुक्तियों में धीमी गति से आगे बढ़ रही हैं। आसार हैं कि परियोजनाओं में में कमी और परियोजनाएं रद्द होने के कारण आगे भी नियुक्तियों पर असर पड़ सकता है।