चीन के उत्पादों पर लगाम लगाने की कवायद के तहत केंद्र सरकार ने एमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसे सभी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों और मार्केटप्लेस के लिए उत्पादों के मूल देश का उल्लेख करना अनिवार्य कर दिया है, जो वह अपने माध्यम से बेचती हैं।
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों की सचिव लीला नंदन ने आज संवाददाताओं से कहा, ‘इस सप्ताह के आखिर तक अधिनियम के तहत ई-कॉमर्स फर्मों के लिए मसौदा नियम अधिसूचित कर दिए जाएंगे।’
उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों के माध्यम से बेचे जाने वाले उत्पादों पर उनके मूल देश के नाम की घोषणा से ग्राहकों को उस उत्पाद के बारे में फैसला लेने में सुविधा मिल सकेगी।
नंदन ने कहा कि अगर फर्में नियमों का उल्लंघन करती हैं तो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के मुताबिक ऐसे फर्मों पर कार्रवाई की जाएगी।
अधिनियम के तहत मसौदा नियम में कहा गया है, ‘अगर कोई विक्रेता एक मार्केप्लेस ई-कॉमर्स इकाई के माध्यम से अपने वस्तुओं व सेवाओं की बिक्री की पेशकश करता है तो उसे उत्पाद के बारे में सभी संबंधित ब्योरा देना होगा, जो ग्राहकों के लिए पूरी सूचना के साथ उत्पाद के बारे में खरीदारी से पहले फैसला करने में सक्षम बनाने के लिए जरूरी है।’
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम (सीपीए) में संशोधनों को संसद ने पिछले साल मंजूरी दी थी। ई-कॉमर्स के अलावा आज से लागू अधिनियम में अन्य प्रावधान भी किए गए हैं, जिसमें भ्रामक विज्ञापन पर जुर्माना, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण, उत्पाद की जिम्मेदारी, क्लास ऐक्शन सूट, विवाद निपटारा प्रणाली को सरल बनाने, कहीं से भी शिकायत करने की सुविधा शामिल है।
इसमें सीधे माल बेचने वाली कंपनियों की कार्यप्रणाली के संचालन को लेकर अलग से नियम बनाए गए हैं, इसके बारे में भी जल्द अधिसूचना जारी की जाएगी।
बहरहाल ई-कॉमर्स फर्मों के लिए मसौदा नियम में कहा गया है कि सभी ई-कॉमर्स इकाइयां, चाहे वे मार्केटप्लेस हैं या नहीं, उन्हें उचित शिकायत निपटान व्यवस्था बनाना अनिवार्य होगा, जिसे उन्हें अपनी वेबसाइट पर प्रमुखता से प्रकाशित करना होगा।
फर्म द्वारा नियुक्त किए गए शिकायत निपटान अधिकारी को किसी भी उत्पाद या सेवा के खिलाफ मिली शिकायत को अनिवार्य रूप से एक महीने के भीतर निपटाना होगा, जो ई-कॉमर्स फर्म मुहैया करा रही है।
अगर कोई ई-कॉमर्स इकाई आयातित सामान बेच रही है तो प्लेटफॉर्म पर उसमें उस व्यक्ति का उल्लेख करना होगा कि माल किससे खरीदा गया या प्लेटफॉर्म पर उस सामान का विक्रेता कौन है।
नियमों में यह भी कहा गया है कि कोई भी ई-कॉमर्स फर्म ग्राहकों पर कैंसिलेशन चार्ज भी लगा सकती है, अगर वे इस तरह का शुल्क का वहन करती हैं और ग्राहक की ओर से एकतरफा ऑर्डर रद्द किया गया है।
ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस पर विक्रेता प्लेटफॉर्म के साथ औपचारिक समझौते या कॉन्ट्रैक्ट के साथ प्रवेश कर सकता है। विक्रेता को भी अपनी तरफ से शिकायत निपटान अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी।
