बीएस बातचीत
पुणे की कंपनी केपीआईटी टेक्नोलॉजिज ने 2018 में अपने एंटरप्राइज आईटी सेवा कारोबार को अलग कर बिड़लासॉफ्ट को दे दिया जबकि इंजीनियरिंग सेवा कारोबार को अपने पास बरकरार रखा। केपीआईटी टेक्नोलॉजिज के सह-संस्थापक एवं चेयरमैन रवि पंडित का कहना है कि कारोबार को अलग करने से न केवल शेयरधारकों को अच्छा रिटर्न मिला बल्कि कंपनी को भी अपनी प्रमुख विशेषज्ञता पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिली। पंडित ने शिवानी शिंदे से बातचीत में वैश्विक महामारी के कारण वाहन क्षेत्र में हो रहे बदलाव, ऑटोनोमस व्हीकल की बढ़ती मांग और वैश्विक वाहन विनिर्माताओं की डिजिटल रूपरेखा के बारे में विस्तृत चर्चा की। पेश हैं मुख्य अंश:
आपने कहा है कि कंपनी वित्त वर्ष 2022 में दो अंकों में वृद्धि हासिल करेगी। केपीआईटी की सेवाओं के लिए मांग परिदृश्य कैसी है?
जैसा आप जानते हैं कि केपीआईटी पूरी तरह मोबिलिटी क्षेत्र पर केंद्रित है जो ऑटोमोटिव-एम्बेडेड सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग सेवाएं उपलब्ध कराती है। ऑटोमोटिव की दुनिया नाटकीय रूप से बदल रही है। आपको पता होगा कि लेक्सस अथवा बीएमडब्ल्यू जैसी महंगी कारों में 130 कंप्यूटर लगे होते हैं जबकि सस्ती कारों में 50 से 60 कंप्यूटर होते हैं। आज कारों में लाइन्स ऑफ कोड की संख्या लाखों में है। मैं समझता हूं कि कार के कुल मूल्य में उसके भीतर लगे इलेक्ट्रॉनिक्स और सॉफ्टवेयर उपकरणों का मूल्य 40 से 45 फीसदी होता है। हम वाहनों में सॉफ्टवेयर और सॉफ्टवेयर एकीकरण पर ध्यान केंद्रित करते हैं। यह वाहन गतिविधियों का एक प्रमुख क्षेत्र के तौर पर उभर रहा है। यही मुझे वृद्धि के बारे में भरोसा दिलाता है। हम भारत की एकमात्र ऐसी कंपनी हैं जो 100 फीसदी इंजीनियरिंग एवं वाहन क्षेत्र पर केंद्रित है। हम विश्व की लगभग सभी प्रमुख वाहन कंपनियों के साथ काम कर रहे हैं। दुनिया भर की सड़कों पर चलने वाली लाखों कारों में केपीआईटी का सॉफ्टवेयर मौजूद है।
साल 2018 में कंपनी के आईटी सेवा कारोबार को अलग करना आपके लिए कितना फायदेमंद रहा?
अब हम पूरी तरह से केंद्रित और एक अलग तरह की कंपनी हैं। हम दुनिया की किसी भी वाहन कंपनी के लिए पहली प्राथमिकता हैं। इसी तरह हमने उन क्षेत्रों में भी अपनी उपस्थिति बढ़ाई है जिनकी वाहन क्षेत्र में काफी मौजूदगी है जैसे म्यूनिख, डेट्रॉयट, जापान, ब्रिटेन और चीन। यदि आप दुनिया की शीर्ष 10 वाहन विनिर्माताओं का नाम लेंगे तो पाएंगे कि हम उनके साथ काम कर रहे होंगे। यदि मैं निवेशक के दृष्टिकोण से देखता हूं तो कारोबार को अलग करने की तारीख से पहले की केपीआईटी का शेयर मूल्य और मौजूदा केपीआईटी का मूल्य में करीब 60 फीसदी का सीएजीआर है। जब हमने कारोबार को अलग किया था तो शेयर मूल्य करीब 150 रुपये था लेकिन आज हम पहले ही 200 रुपये पर और बिड़लाससॉफ्ट 300 रुपये पर पहुंच चुके हैं।
कोविड वैश्विक महामारी ने वाहन क्षेत्र को किस प्रकार प्रभावित किया है? वाहन विनिर्माताओं की तकनीकी रूपरेखा में बदलाव का फायदा उठाने के लिए केपीआईटी किस स्थिति में है?
वैश्विक महामारी के शुरू होने के बाद पहली कुछ तिमाहियों के दौरान वाहन कंपनियों को झटका लगा था और आप वित्त वर्ष 2021 की पहली दो तिमाहियों पर उसका असर देख सकते हैं। इसमें दो बातें दिखीं: पहला, लोगों की आवाजाही बंद हो गई और घर से काम करने के कारण बिक्री प्रभावित हुई। लेकिन इस वैश्विक महामारी ने वाहन क्षेत्र में एक ढांचागत बदलाव लाया है जो उद्योग को बदल देगा।
केपीआईटी के लिए इसका क्या मायने है?
अब हम सॉफ्टवेयर एकीकरण पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हाल तक इन्फोटेनमेंट पर ध्यान केंद्रित किया जाता था। ऐपल ने इस ओर कदम बढ़ाया और ओईएम को अपने वाहनों में इस प्रणाली को एकीकृत करने की आवश्यकता है। इसलिए हम ओईएम के लिए एकीकरण पर काफी कुछ कर रहे हैं। हम उत्पादों को तेजी से मानकीकृत करने में भी मदद कर रहे हैं। हमने ऑटोनोमस वाहन क्षेत्र में भी काफी काम किया है। बीएमडब्ल्यू ने हमें ऑटोनोमस वाहन क्षेत्र के एक रणनीतिक साझेदार के तौर पर घोषित किया है। लेकिन हमारे लिए इसका मतलब एआई और प्रौद्योगिकी के मामले में शीर्ष पर बने रहना है।
अगले पांच वर्षों में आप केपीआईटी को कहां देखते हैं?
हम मोबिलिटी को नए सिरे से परिभाषित करना चाहते हैं और मोबिलिटी के नए क्षेत्र में अग्रणी बनना चाहते हैं। नए समाधान लाने और इस क्षेत्र को संचालित करने के लिए कंपनी के भीतर जुनून है।