चीनी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी Vivo ने साल की अच्छी शुरुआत के बाद भारत में अपनी रणनीति पर भरोसा जताया है और ग्रेटर नोएडा में अपने नए प्लांट में उत्पादन जल्द शुरू करेगा। नया प्लांट लगभग 169 एकड़ में फैला हुआ है और वर्तमान में इसकी सालाना उत्पादन क्षमता 60 मिलियन यूनिट है। कंपनी ने मंगलवार को लॉन्च की गई अपनी वार्षिक भारत प्रभाव रिपोर्ट 2023 में कहा कि पूरी तरह से चालू होने पर इस क्षमता को दोगुना कर 120 मिलियन यूनिट किया जा सकता है।
Vivo ने यह नहीं बताया कि वह कब तक प्लांट की क्षमता को पूरी तरह से बढ़ाने की योजना बना रही है। इंटरनेशनल डेटा कॉर्पोरेशन (आईडीसी) के आंकड़ों के अनुसार, कैलेंडर वर्ष 2024 की पहली तिमाही में Vivo 16.2 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ सैमसंग को पीछे छोड़ते हुए भारत में सबसे बड़ा स्मार्टफोन निर्माता बनकर उभरा।
Vivo की भारत में दोहरी रणनीति है – एक तरफ वो देश में ही ज्यादा से ज्यादा फोन बना रही है, और दूसरी तरफ भारतीयों की पसंद के हिसाब से फोन डिजाइन, कैमरा फीचर और दूसरे फीचर जोड़ रही है।
कंपनी के सीईओ जेरोम चेन ने कहा कि “हमने ‘डिजाइन फॉर इंडिया’ पहल के तहत ऐसे फोन डिजाइन करने शुरू कर दिए हैं जो भारतीय ग्राहकों की पसंद के मुताबिक हों। ग्रेटर नोएडा में हमारा मैन्युफैक्चरिंग प्लांट अब तक 150 मिलियन से ज्यादा स्मार्टफोन बना चुका है।”
ये सब कुछ Vivo के पिछले साल घोषित किए गए लगभग 7500 करोड़ रुपये के निवेश का हिस्सा है। कंपनी ने अब तक भारत में कुल मिलाकर लगभग 3500 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जो ज्यादातर मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने में लगाया गया है।
चेन ने आगे कहा, “यह फैक्ट्री पूरी तरह से चालू होने पर हमारी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को दोगुना करने का विकल्प देगी, साथ ही ‘आत्मनिर्भर भारत’ के प्रति हमारी कमिटमेंट को मजबूत करेगी।”
कंपनी का कहना है कि साल 2023 में भारत में भेजे गए 99 प्रतिशत से ज्यादा Vivo स्मार्टफोन यहीं बने थे, जो साल 2014 के 26 प्रतिशत से काफी बढ़ोतरी है।
Vivo ने हाल ही में ग्रेटर नोएडा में ही अपने पहले किराए के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट को खाली कर दिया है। इस प्लांट की सालाना क्षमता 40 मिलियन डिवाइस की थी और यहां लगभग 10,000 लोग काम करते थे। इस प्लांट को माइक्रोमैक्स इन्फॉर्मेटिक्स की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट भगवती एंटरप्राइजेज ने खरीद लिया है।
कंपनी का कहना है कि पिछले नौ सालों में Vivo के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट से 15,000 से ज्यादा भारतीयों को फायदा हुआ है और कंपनी का दावा है कि उसने देश में 200,000 डायरेक्ट और इनडायरेक्ट जॉब्स बनाए हैं।
Vivo की योजना ओआईएस, कैमरा मॉड्यूल, मेमोरी और ओएलईडी डिस्प्ले जैसे जरूरी पार्ट्स को भारत में ही बनाने की है, और वो भारतीयों को ही भारत में काम चलाने की जिम्मेदारी देगी।
चेन ने कहा, “प्रधानमंत्री के भारत को एक मुख्य निर्यात केंद्र बनाने के विजन के साथ, हमने देश की प्रगति और विकास देखा है और लगभग 400 करोड़ रुपये के स्मार्टफोन निर्यात करके योगदान दिया है।”
फिलहाल कंपनी के भारत में दिल्ली, अहमदाबाद, बेंगलुरु और कोयम्बटूर में 6 Vivo फ्लैगशिप स्टोर हैं, और उसकी योजना 2024 में इनकी संख्या 10 तक बढ़ाने की है। Vivo का दावा है कि उसके देश भर में 1000 से ज्यादा डिस्ट्रीब्यूशन पार्टनर, 30,000 Vivo ब्रांड एसोसिएट्स और लगभग 70,000 रिटेल टचपॉइंट्स हैं।