नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने मंगलवार को विस्तारा से कहा कि वह उन उड़ानों की संख्या बताए जिनमें पायलटों की कमी के कारण देरी हुई है और जिन्हें रद्द किया गया है। एयरलाइन ने सोमवार को करीब 50 उड़ानें रद्द कर दीं और मंगलवार को कम से कम 52 अन्य उड़ानों को रद्द कर दिया।
सूत्रों के अनुसार इसका कारण मुख्य रुप से एयर इंडिया में विस्तारा के विलय के कारण नए वेतन ढांचे के विरोध में पायलटों का बीमार पड़ना है। विस्तारा आमतौर पर रोजाना करीब 350 उड़ानें संचालित करती है।
डीजीसीए ने मंगलवार को कहा, ‘चालक दल की अनुपलब्धता समेत विभिन्न कारणों से विस्तारा की उड़ानों में बाधाओं को देखते हुए डीजीसीए ने एयरलाइन को रद्द और विलंब वाली उड़ानों के बारे में रोजाना जानकारी देने को कहा है।’
नियामक ने कहा कि एयरलाइन को विशेष नियमों सीएआर का ध्यान रखना चाहिए। सीएआर के तहत वे सुविधाएं आती हैं जो यात्रियों को दी जानी जरूरी हैं लेकिन उड़ानों के रद्द होने या विलंब से या बोर्डिंग से इनकार करने से ये सुविधाएं प्रभावित हुई हैं। उसने कहा कि प्रभावित यात्रियों को अग्रिम सूचना, रिफंड का विकल्प, यदि लागू हो तो मुआवजा दिया जाना चाहिए।
नियामक ने कहा, ‘डीजीसीए के अधिकारी सीएआर का अनुपालन सुनिश्चित कराने और यात्रियों को सुविधाओं का ध्यान में रखते हुए हालात पर नजर बनाए हुए है।’
नागरिक विमानन मंत्रालय (एमओसीए) ने भी मंगलवार की सुबह इस मामले पर चिंता जताई। मंत्रालय ने कहा, ‘मंत्रालय विस्तारा की रद्द् उड़ानों के मामले पर नजर रख रहा है। हालांकि उड़ानों का प्रबंधन स्वयं विमानन कंपनी कर रही है।