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Vedanta अपने कारोबार को 6 फर्मों में बांटेगी, पुनर्गठन की कर रही तैयारी

Vedanta के इस कदम से शेयरधारकों और प्रवर्तक के लिए मूल्य में होगा इजाफा

Last Updated- September 29, 2023 | 10:48 PM IST
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अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांत लिमिटेड ने कहा कि उसके बोर्ड ने परिसंप​त्ति स्वामित्व वाले कारोबारी मॉडल को आज मंजूरी दे दी। इससे समूह की 6 अलग-अलग सूचीबद्ध कंपनियां बन जाएंगी। कंपनी के अ​धिकारियों ने कहा कि कारोबार का पुनर्गठन अगले 12 से 15 महीने में पूरा होने की उम्मीद है और इससे कंपनियों की सही कीमत सामने लाने और बड़ा निवेश आक​र्षित करने में मदद मिलेगी।

प्रस्तावित योजना के तहत 6 नई सूचीबद्ध इकाइयां- वेदांत एल्युमीनियम, वेदांत ऑयल ऐंड गैस, वेदांत पावर, वेदांत स्टील ऐंड फेरस मटेरियल्स, वेदांत बेस मेटल्स और वेदांत लिमिटेड होंगी। उम्मीद है कि अपने नए अवतार में वेदांत कंपनियों को बढ़ाएगी और उसके पास हिंदुस्तान जिंक तथा कंपनी के कुछ नए कारोबार में हिस्सेदारी होगी। इन कारोबार में तांबा, डिस्प्ले ग्लास एवं सेमीकंडक्टर शामिल हैं।

कंपनी ने कहा, ‘कंपनियों के विघटन के तहत वेदांत के प्रत्येक 1 शेयर के बदले शेयरधारकों को पांचों नई सूचीबद्ध कंपनियों के 1-1 शेयर मिल जाएंगे।’ हर कंपनी का अपना बोर्ड होगा और वेदांत पावर को छोड़कर सभी कंपनियों के शेयर का अंकित मूल्य 1 रुपये प्रति शेयर हो सकता है। वेदांत पावर के लिए अंकित मूल्य 10 रुपये प्रति शेयर होगा।

वेदांत की घोषणा के अलावा हिंदुस्तान जिंक ने भी अपने कारोबारी ढांचे पर पूरी तरह विचार करने की घोषणा की है। इस कदम का मकसद संभावित मूल्य का पता लगाना और जस्ता, सीसा, चांदी एवं पुनर्चक्रण कारोबार के लिए अलग इकाइयां बनाना है।

विश्लेषकों के साथ बातचीत के दौरान कंपनी प्रबंधन ने बताया कि पहले घो​षित की गई पूंजीगत व्यय की योजना में कोई बदलाव नहीं होगा। हिंदुस्तान जिंक और वेदांत के गिरवी शेयरों के मामले में ऋणदाताओं से मंजूरी ली जाएगी और इसमें किसी तरह के बदलाव की उम्मीद नहीं है। वेदांत से लाभांश पर प्रबंधन ने कहा कि नई सूचीबद्ध इकाइयों की अपनी पूंजी आवंटन नीतियां होंगी और वे अपने स्तर पर लाभांश नीति का मूल्यांकन करेंगी। पिछले 10 वर्षों में कंपनी ने 85,000 करोड़ रुपये के लाभांश का भुगतान किया है।

इस बीच रेटिंग एजेंसी मूडीज ने वेदांत रिसोर्सेस की दीर्घाव​धि क्रेडिट रेटिंग घटा दी है और कंपनी के बकाया ऋण की रेटिंग ‘सीसीसी’ से घटाकर ‘बी-’ कर दी है। रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘हमारा मानना है कि वेदांत रिसोर्सेस की देनदारी बढ़ गया है, जिसे हम अपने पैमानों के तहत संकटग्रस्त मान सकते हैं।’

कारोबार का पुनर्गठन कर अलग-अलग इकाइयों में बांटने की योजना को प्रवर्तक स्तर पर कर्ज चुकाने के लिए रकम हासिल करने का एक और प्रयास भी माना जा रहा है। प्रॉक्सी परामर्श फर्म इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर एडवाइजरी सर्विसेज इंडिया के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक अमित टंडन ने कहा कि अग्रवाल का प्रयास बिल्कुल वैसा ही है, जैसे टाइटैनिक के डेक पर कुर्सियां इधर-उधर करना यानी यह बेकार की कवायद है।

घरेलू ब्रोकरेज फर्म में एक विश्लेषक ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘समयसीमा एक साल की तय की गई है, पूंजीगत व्यय, लाभांश और कर्ज सभी को पहले की तरह रखा गया है। पता नहीं यह कैसे होगा मगर इस कवायद से प्रवर्तकों को कुछ पैसे हासिल करने में मदद मिल सकती है।’ प्रस्तावित पुनर्गठन को राष्ट्रीय कंपनी वि​धि पंचाट, ऋणदाताओं और शेयरधारकों की मंजूरी लेनी होगी।

First Published - September 29, 2023 | 10:48 PM IST

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