प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
खनन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी वेदांता लिमिटेड ने कर्ज में डूबी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) को खरीदने के लिए बड़ा दांव खेला है। न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, वेदांता ने अपनी बोली में 4,000 करोड़ रुपये पहले ही देने का प्रस्ताव रखा है। बाकी पैसा अगले पांच से छह साल में चुकाया जाएगा।
इस ऑफर की नेट प्रेजेंट वैल्यू (NPV) 12,505 करोड़ रुपये आंकी गई है। यह बोली लेंडर्स द्वारा आयोजित नीलामी में सबसे ऊंची रही, जिसमें जयप्रकाश एसोसिएट्स के लिए खरीदार ढूंढे जा रहे थे।
वेदांता ने चुनौती नीलामी में अदाणी ग्रुप को पछाड़कर सबसे बड़ी बोली लगाई। कंपनी का यह ऑफर कुल 17,000 करोड़ रुपये का है, जिसकी NPV 12,505 करोड़ रुपये है। हालांकि, बैंकों की स्वीकृत देनदारियां 59,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हैं। ऐसे में बैंकों को करीब 71% का हेयरकट लेना होगा।
नीलामी के अंतिम दौर में केवल वेदांता और अदाणी ग्रुप ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया। पहले दौर में डालमिया भारत, जिंदल पावर और PNC इन्फ्राटेक भी योग्य बोलीदाता थे, लेकिन अंत तक उन्होंने भाग नहीं लिया। नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (NARCL) की अगुवाई वाली लेंडर्स की समिति (CoC) ने वेदांता को H1 बिडर यानी शीर्ष दावेदार के रूप में चुना है। हालांकि, इस योजना को अभी मतदान और नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) से मंजूरी मिलना बाकी है।
जयप्रकाश एसोसिएट्स का अधिग्रहण वेदांता के लिए रणनीतिक रूप से अहम माना जा रहा है। अब तक कंपनी की मौजूदगी खनन, तेल और धातुओं में रही है। JAL खरीदने के बाद वेदांता सीमेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर और रियल एस्टेट सेक्टर में भी कदम रखेगी।
JP ग्रुप की संपत्तियों में जयपी ग्रीन्स, विश टाउन और यहवार एयरपोर्ट के पास स्थित इंटरनेशनल स्पोर्ट्स सिटी जैसे रियल एस्टेट प्रोजेक्ट शामिल हैं। इसके अलावा कंपनी के पास सीमेंट प्लांट, पावर एसेट्स और बड़ी जमीन भी है।
लेंडर्स की समिति ने यह भी शर्त रखी है कि अगर जयप्रकाश एसोसिएट्स और यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) के बीच जमीन आवंटन विवाद कंपनी के पक्ष में सुलझता है, तो बोलीदाता अतिरिक्त मुआवजा देंगे। यह मामला इस समय सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।