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वेदांता लिमिटेड के चेयरमैन अनिल अग्रवालने (Vedanta Limited chairman Anil Agarwal) ने कच्चा तेल उत्पादन को दोगुना करने के लिए अगले तीन साल का प्लान बताया ह। अग्रवाल ने यह जानकारी मंगलवार को इंडिया एनर्जी वीक (आईईडब्ल्यू) के मौके पर दी।
क्या कहा Vedanta के चेयरमैन ने?
कच्चा तेल का उत्पादन दोगुना करने के लिए कंपनी आने वाले तीन सालों में 4 अरब डॉलर का निवेश करेगी। चेयरमैन अनिल अग्रवालने ने जानकारी दी कि वेदांता अन्वेषण अभियान के जरिए तीन साल में 3,00,000 बैरल (1.5 करोड़ टन प्रति वर्ष) ऑयल प्रोडक्शनन करने का लक्ष्य रख रही है।
अग्रवाल ने ईटी को एक इंटरव्यू में बताया, ”मैंने अब तक तेल और गैस में 20 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया है।” “मेरी और 4 अरब डॉलर निवेश करने की योजना है।”
वेदांता ने एक दशक से भी अधिक समय पहले केयर्न एनर्जी (अब मकर एनर्जी) की भारतीय संपत्तियों का अधिग्रहण करने के लिए 20 बिलयन डॉलर निवेश किए थे, जिसने कंपनी को राजस्थान में सबसे प्रचुर तटवर्ती तेल क्षेत्र पर नियंत्रण प्रदान किया।
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अग्रवाल ने मंगलवार को इंडिया एनर्जी वीक में सीईओ राउंडटेबल के हिस्से के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
तेल उत्पादन होगा दोगुना
कंपनी के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान में वेदांता 1,40,000 बैरल प्रतिदिन तेल और तेल के बराबर गैस का उत्पादन करती है, जिसमें 100,000 बैरल तेल भी शामिल है। उन्होंने कहा कि तीन वर्षों में तेल उत्पादन दोगुना होकर 200,000 बैरल होने का अनुमान है।
अग्रवाल ने कहा कि भारत को इंपोर्ट पर अपनी निर्भरता में तेजी से कटौती करने और अपनी खपत का कम से कम 50% ऊर्जा का उत्पादन करने की जरूरत है।
अग्रवाल ने कहा, ”दुनिया चाहती है कि भारत एक बाजार बने।” दूसरी ओर, वेदांता का उद्देश्य देश को एनर्जी इंपोर्ट में कटौती करने में मदद करना है।
अग्रवाल ने कच्चे तेल के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में चल रही दर के साथ अपनी उत्पादन लागत की तुलना करते हुए कहा कि घरेलू तेल का उत्पादन 12 डॉलर प्रति बैरल के हिसाब से किया जा रहा है, भारत आयात के प्रत्येक बैरल के लिए लगभग 80 डॉलर का भुगतान कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी इच्छा है कि करों को वैश्विक स्तर पर लाया जाए ताकि वैश्विक कंपनियों और हमारे बीच अनुरूपता हो।’’
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उन्होंने कहा कि सरकार को तेल तथा गैस ब्लॉक के पट्टे उनके आर्थिक रूप से उपयुक्त होने तक के लिए देने चाहिए, न कि तदर्थ वर्षों के लिए ताकि कंपनियों को अपनी निवेश रणनीति के साथ बेहतर योजना बनाने में मदद मिल सके।
अग्रवाल ने कहा कि भारत 50 प्रतिशत ऊर्जा खुद बना सकता है। वह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है। वेदांता ने क्षमता बढ़ाने के लिए हॉलिबर्टन और बेकर ह्यूजेस सहित अमेरिकी तेल क्षेत्र सेवा कंपनियों के साथ समझौता किया है।