रॉनी स्क्रूवाला की अगुआई वाली एडटेक फर्म अपग्रैड का राजस्व वित्त वर्ष 23 में उछलकर 1,194 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष के 608 करोड़ रुपये के राजस्व के मुकाबले 96 फीसदी ज्यादा है। कंपनी ने लंबी अवधि में सूचीबद्धता की अपनी की योजना के मुताबिक व्यापक रूप से स्वीकार्य इंडएएस लेखा मानक अपनाया है।
कंपनी ने कहा कि सालाना आवर्ती राजस्व (एआरआर) के आधार पर राजस्व और भी ज्यादा होगा क्योंकि कुछ विलय-अधिग्रहण वित्त वर्ष 23 में एकीकृत नहीं हो पाए। राजस्व के सही स्थिति में रखने के कारण अपग्रैड 443 करोड़ रुपये का डेफर्ड कलेक्टेड रेवन्यू अगले साल ले गई। समायोजित एबिटा नुकसान 558 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के 572 करोड़ रुपये के आसपास है।
अपग्रैड के सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक मयंक कुमार ने कहा, हम काफी मजबूत स्थिति में हैं क्योंकि हमने अपग्रेड को भारत से बाहर पूरी दुनिया के लिए बनाया है। हम हालांकि लाभकारी वृद्धि का सम्मान करते हैं पर हमारा लक्ष्य सही संतुलन साधने में है क्योंकि हम लगातार निवेश जारी रखे हुए हैं और हमारी नजर लंबी अवधि पर है।
इस लिहाज से स्किलिंग, करियर्स और जॉब प्लेसमेंट, फॉर्मल लर्निंग और वर्कफोर्स डेवलपमेंट में काफी वृद्धि देखने को मिलेगी। वित्त वर्ष 23 में गैर-नकदी खर्च में 410 करोड़ रुपये के गुडविल को बट्टे खाते में डालना और ह्रास आदि की 140 करोड़ रुपये की लागत शामिल है।
वित्तीय लागत 34 करोड़ रुपये रही और कुल अन्य गैर-नकदी लागत 584 करोड़ रुपये। फर्म ने कहा कि एबिटा नुकसान, गैर-नकदी खर्च और वित्तीय लागत ने कुल कर पश्चात लाभ को 1,142 करोड़ रुपये के नुकसान पर पहुंचा दिया, जो पिछले साल 648 करोड़ रुपये रहा था।
कुमार ने कहा, हमारा सकल मार्जिन करीब 80 फीसदी है, शुद्ध कर्ज शून्य है और नई पीढ़ी की कंपनियों के लिए सबसे बेहतर नियोजित पूंजी पर रिटर्न के अनुपातों में से एक है। हम वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही को ट्रैक कर रह हैं और परिचालन के लिहाज से लाभ में आने की कोशिश कर रहे हैं।