टाटा स्टील (Tata Steel) और ब्रिटेन सरकार के बीच पोर्ट टालबोट संयंत्र में 1.25 अरब पाउंड का साझा निवेश करने की योजना को लेकर सहमति बन गई है।
ब्रिटेन सरकार वेल्स में पोर्ट टालबोट प्लांट को डीकार्बोनाइज (Decarbonize) करने में मदद के लिए ब्रिटेन टाटा स्टील में 50 करोड़ पाउंड (करीब 62 करोड़ डॉलर) की मदद करेगी। हालांकि, इस समझौते से 3000 से ज्यादा लोगों की नौकरी जा सकती हैं।
टाटा स्टील 75 करोड़ पाउंड का निवेश करेगी
वेल्स प्लांट के भविष्य को सुरक्षित करने में मदद करने की योजना के हिस्से के रूप में टाटा स्टील 75 करोड़ पाउंड का निवेश करेगी। यह निवेश दरअसल नई फंडिंग स्टील उत्पादन को कोयला संचालित ब्लास्ट फर्नेस से कम कार्बन एमिशन वाले इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस में बदलने के लिए किया जाएगा।
ब्रिटेन सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा कि यह मदद उसके इतिहास में सबसे बड़े सरकारी सहायता पैकेजों में से एक है। बयान में कहा गया कि यह निवेश 5,000 नौकरियों को बचाने में मदद करेगा।
टाटा स्टील (Tata Steel) में वर्तमान में 8,000 से अधिक लोग काम करते हैं। इस निवेश से हालांकि, कम से कम 3000 लोगों की नौकरी जा सकती है क्योंकि कम कार्बन वाली इलेक्ट्रिक भट्टियों में कम श्रमिकों की जरूरत होती है।
ब्रिटेन सरकार क्यों कर रही है टाटा स्टील में निवेश ?
बता दें कि टाटा स्टील ने ब्रिटेन सरकार से दो ब्लास्ट फर्नेस को बदलने के लिए फाइनेंशियल पैकेज मांगा था। कंपनी साउथ वेल्स के अपने पोर्ट टालबोट कारखाने में कॉर्बन उत्सर्जन में कमी के लिए भी वित्तीय पैकेज की भी मांग की थी।
टाटा स्टील ने खुद को कॉर्बन मुक्त कंपनी बनाने के लिए ब्रिटेन सरकार से 1.5 अरब पाउंड की मांग की थी। इसके तहत वह कम कॉर्बन उत्सर्जन वाली नई संयंत्र मशीनरी लगाएगी।
कंपनी के वैश्विक मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक टी वी नरेंद्रन ने इस साल मई में कहा था कि कंपनी को या तो वहां अपना परिचालन बंद करना होगा या ब्रिटेन सरकार के वित्तीय पैकेज की मदद से कॉर्बन उत्सर्जन को समाप्त करने की योजनाओं का लागू करना होगा।