उज्जीवन फाइनैंशियल सर्विसेज चेयरमैन समित घोष को होल्डिंग कंपनी का प्रबंध निदेशक और सीईओ नियुक्त करने के लिए लाए गए प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने वाले शेयरधारकों से फिर से संपर्क साधेगी। उज्जीवन फाइनैंशियल सर्विसेज के पास उज्जीवन स्माल फाइनैंस बैंक है, जिसका संचालन नितिन चुघ कर रहे हैं, नवंबर 2019 में घोष ने बैंक में अपना पद छोड़ दिया था। उसके बाद समित घोष होल्डिंग कंपनी के चेयरमैन बने थे।
होल्डिंग कंपनी के एमडी और सीईओ इत्तिरा डविस बैंक के निदेशक बन गए हैं, जिसकी वजह से शेयरधारकों के समक्ष घोष को अस्थाई एमडी और सीईओ बनाने के लिए प्रस्ताव लाया गया था। यह 27 अप्रैल को निदेशकों की नियुक्ति के लिए लाए गए 4 प्रस्तावों में शामिल था, जिनमें 2 विशेष और 2 साधारण प्रस्ताव थे। साधारण प्रस्ताव पारित हो गए थे, वहीं विशेष प्रस्ताव के लिए जरूरी मत नहीं मिल पाए।
इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर एडवाइजरी सर्विसेज (आईआईएएस) के संस्थापक और प्रबंध निदेशक अमित टंडन ने कहा, ‘वोटिंग पैटर्न से पता चलता है कि सभी चारों प्रस्तावों के लिए एक ही तरीके से मतदान किया गया। सामान्य प्रस्तावों के लिए 50 प्रतिशत की मंजूरी की जरूरत होती है, इसलिए वे पारित हो गए, लेकिन विशेष प्रस्तावों के लिए 75 प्रतिशत की मंजूरी जरूरी है और वे पारित नहीं हो सके।’
दो विशेष प्रस्तावों में 3 साल के लिए घोष को एमडी और सीईओ नियुक्ति किया जाना और अभिजित सेन को स्वतंत्र निदेशक के रूप में 5 साल के लिए फिर से नियुक्त किया जाना शामिल था, जिन्हें 70 प्रतिशत मत ही मिल सके। इससे यह साफ था कि निवेशकों के एक समूह ने सभी 4 प्रस्तावों के खिलाफ मतदान किया। अगर सभी 4 प्रस्ताव विशेष प्रस्ताव होते तो कुछ ऐसा हो जाता, जैसा लक्ष्मी विलास बैंक के मामले में हुआ था, जब शेयरधारकों ने प्रबंधन को हटा दिया था। कंपनी में 3 प्रतिशत के शेयरधारक घोष ने कहा, ‘हमें लगता है कि कुछ एचएनआई, जो शुरुआती निवेशक थे, ब्रोकरों द्वारा प्रबंधित होकर प्रस्ताव के खिलाफ चले गए।’