भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने कृत्रिम मेधा (AI) पर परामर्श प्रक्रिया की शुरुआत की है और जल्द ही इस विषय पर सिफारिशें पेश करेगा, जिसमें इस बात पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा कि इसे मौजूदा तकनीक के साथ कैसे जोड़ा जा सकता है, जो AI से संबंधित बुनियादी ढांचे और कुशल श्रमबल के लिए जरूरी है।
TRAI के चेयरमैन पीडी वाघेला ने यह जानकारी दी। ट्राई इस संबंध में भी एक परामर्श पत्र जारी करेगा कि डिजिटल समावेशन को कैसे आगे बढ़ाया जाए।
सोमवार को आईएएमएआई द्वारा आयोजित इंडिया डिजिटल समिट में वाघेला ने कहा कि 6G युग में उभर रहे दूरसंचार और अन्य क्षेत्रों में बिग डेटा और AI का लाभ उठाने की संभावनाओं का TRAI द्वारा अध्ययन किया जा रहा है, क्योंकि इसमें दूरसंचार क्षेत्र की व्यापक भूमिका है।
वाघेला ने बताया कि TRAI ने यह जांचने के लिए सक्रिय रुख अपनाया है कि AI भविष्य में देश को किस तरह प्रभावित करेगी। 5G और उससे आगे के नेटवर्क अधिक डेटा प्रदान करेंगे, जो दूरसंचार और अन्य क्षेत्रों के लिए उपयोगी होगा। 5G युग में एज कंप्यूटिंग अन्य क्षेत्रों के लिए दूरसंचार नेटवर्क पर अपने AI प्रारूपों को चलाने और निश्चित करने और प्रशिक्षित करने के लिए अवसर प्रदान कर सकती है।
इस महीने की शुरुआत में आम बजट में लगातार दूसरे वर्ष में AI का उल्लेख किया गया है। आम बजट 2023-24 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘मेक AI इन इंडिया ऐंड मेक AI वर्क फॉर इंडिया’ के दृष्टिकोण को साकार करने का आह्वान किया है। सरकार ने शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों में AI के लिए तीन उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की घोषणा की है।
पीडब्ल्यूसी के एक अनुसंधान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि AI वर्ष 2030 तक विश्व अर्थव्यवस्था को 15.7 लाख करोड़ डॉलर तक बढ़ा सकता है। दूसरी ओर वाघेला ने कहा कि TRAI का डिजिटल समावेशन पर ध्यान वंचित नागरिकों के सामाजिक-आर्थिक समावेश के माध्यम से समान और सतत आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने की दिशा में ‘पूरे समाज’ के दृष्टिकोण पर टिका है।