जिंदल स्टील ऐंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) और कुछ अन्य निजी कोयला खदानों के मामले में पुनर्वास एवं सीमा क्षेत्र विकास सलाहकार समिति (आरपीडीएसी) की एक अहम बैठक 15 मई को होने वाली है।
जिस बैठक में समिति अन्य बातों के अलावा वहां के वाशिंदों की बिना भूमि की श्रेणी को ध्यान में रखते हुए उनकी भूमि के मुआवजे के रूप में 15 लाख रुपये प्रति एकड़ की मांग पर भी गौर करेगी।
बैठक का पहला सत्र 12 बजे से पहले होगा, जिसमें समिति जिंदल स्टील ऐंड पावर लिमिटेड के मामले को उठाया जाएगा, जबकि विभिन्न कोयला खदानों को लेकर पुनर्वास के मामले पर दोपहर में दूसरा सत्र रखा गया है। अंगुल के करीब इस क्षेत्र में विभिन्न कोयला परियोजनाएं विकसित करने के लिए प्रस्तावित है, जिनमें कलिंगा कोल माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड, उत्कल कोल लिमिटेड, मोनेट कोल माइन, जिंदल कोल माइन आदि शामिल हैं।
यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि जिंदल प्रजा संघर्ष समीति ने हाल ही में अपने 10 सूत्री मांग पत्र जिसमें भूमि का मूल्यांकन 15 लाख रुपये प्रति एकड़ और प्रभावित परिवारों को नौकरी की मांग की गई है, को लेकर आंदोलन किया है।
प्रजा समिति के अध्यक्ष रवीन्द्र पटनायक ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि आरपीडीएससी की बैठक के दिन 15 गांवों से इस परियोजना से प्रभावित परिवारों के 5000 लोग बैठक के स्थान के बाहर मौजूद रहेंगे और वे अपनी मांगे मनवाने के लिए दबाव बनाएंगे। जेएसपीएल के कार्यकारी अधिकारी राजेश कुमार पहले ही कह चुके हैं कि जो भी तर्कसंगत मांग होगी उसे पूरा किया जाएगा।