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टाटा स्टील यूके को होड़ में आगे ले जाएगी यह परियोजना

टाटा स्टील और ब्रिटेन सरकार ने शुक्रवार को 1.25 अरब पाउंड के एक निवेश प्रस्ताव की घोषणा की।

Last Updated- September 17, 2023 | 11:02 PM IST
This project will take Tata Steel UK ahead in the competition

टाटा स्टील और ब्रिटेन सरकार ने शुक्रवार को 1.25 अरब पाउंड के एक निवेश प्रस्ताव की घोषणा की। साउथ वेल्स के पोर्ट टालबोट में कार्बन उत्सर्जन काबू करने की इस परियोजना के लिए 50 करोड़ पाउंड का सरकारी अनुदान भी शामिल है। टाटा स्टील के कार्यकारी निदेशक एवं मुख्य वित्तीय अ​धिकारी कौशिक चटर्जी ने ई​शिता आयान दत्त से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये खास बातचीत में आगे की रणनीति सहित वि​भिन्न मुद्दों पर चर्चा की। मुख्य अंश:

क्या ब्रिटेन सरकार से मिला 50 करोड़ पाउंड का अनुदान आपकी अपेक्षा से कम है?

करीब तीन साल पहले जब हमने सरकार के साथ बातचीत शुरू की थी तो इस परियोजना का स्वरूप अलग था। परियोजना बड़ी थी और पूंजीगत खर्च भी अ​​धिक था। इस साल के आरंभ में सरकार ने कम पूंजीगत खर्च अनुदान के साथ एक प्रस्ताव दिया। हमने उस पर नए सिरे से गौर किया और कम निवेश के साथ भी उसे अपने मकसद के लिए कारगर बना लिया। इस तरह परियोजना की लागत घटाकर 1.25 अरब पाउंड कर ली गई।

सरकार पहले 30 करोड़ पाउंड दे रही थी, जिसे बढ़ाकर उसने 50 करोड़ पाउंड कर दिया, जो सही कदम है। इस तरह दो बातें हुईं- पूंजीगत खर्च में कमी की गई और अनुदान बढ़ाया गया। इस प्रकार परियोजना को साकार करना ज्यादा आसान हो गया है।

यूनियनों ने आशंका जताई है कि ब्लास्ट फर्नेस के बजाय इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस बनाने से करीब 3,000 लोगों की नौकरी चली जाएगी। आपका क्या कहना है?

सबसे पहले हम यूनियनों के साथ सार्थक और औपचारिक बातचीत करेंगे। उसके बाद ही कोई संख्या तय की जाएगी। बातचीत में हम उन्हें टाटा स्टील यूके के सामने मौजूद जो​खिम और मौकों के बारे में बताएंगे। उन्हें दिखाएंगे कि भविष्य में टाटा स्टील ही नहीं बल्कि समूचे इस्पात उद्योग और साउथ वेल्स के लिए यह कितनी अहम है। कारोबार की परिचालन लागत अभी काफी अ​​धिक है। हम इन मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे और अगले कुछ महीनों में ठोस नतीजे पर पहुंचेंगे।

ब्रिटेन में अगले साल चुनाव होने वाला है। सरकार बदली तो क्या यह प्रस्ताव खतरे में आ जाएगा?

अब इस रजामंदी को अनुदान के पक्के समझौते में बदलने के लिए ब्रिटेन सरकार से बातचीत होगी। इसमें कुछ महीने लगेंगे। उसके बाद करार किया जाएगा। करार पर हस्ताक्षर होने के बाद अनुदान पर कोई खतरा नहीं रहेगा।

क्या पुनर्गठन से नकदी की आवक बढ़ जाएगा?

पुनर्गठन बातचीत की प्रक्रिया पर निर्भर करेगा। पिछले 15 साल में ब्रिटेन में हमने काफी पुनर्गठन किया है और यह भी उसी तर्ज पर होगा।

ब्रिटेन इकाई में ढांचागत समस्याएं हैं जहां डाउनस्ट्रीम इकाइयां बिखरी हुई हैं और उनका परिचालन लागत भी अधिक है। निवेश का इस पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

ब्रिटेन में कारोबार की दो बुनियादी समस्याएं थीं- भारी उद्योग ढांचागत तौर पर प्रतिस्पर्धी नहीं है। हम दो ब्लास्ट फर्नेस चलाते हैं मगर कोक में हम आत्मनिर्भर नहीं हैं। इसलिए लागत तत्काल बढ़ जाती है। हम भारी उद्योग कारोबार को बरकरार रखने के लिए सालाना 8 से 9 करोड़ पाउंड खर्च करते हैं और यदि वह परिसंपत्ति उपयोग के लायक नहीं रहेगी तो आप ऐसा नहीं करेंगे।

आप ऐसी किसी अन्य परिसंपत्ति में भी निवेश नहीं करेंगे क्योंकि वह वित्तीय और पर्यावरण के लिहाज से व्यवहार्य नहीं है। ब्रिटेन में भी कार्बन उत्सर्जन कम करने की एक लागत है। ब्लास्ट फर्नेस को अत्याधुनिक ईएएफ में बदलने से लागत कम होगी। इससे हॉट रोल्ड कॉइल (एचआरसी) की लागत पोर्ट टालबोट की मौजूदा लागत से 100 से 150 पाउंड प्रति टन कम होगी। इस प्रकार नकारात्मक एबिटा मार्जिन से हमें 8-10 फीसदी एबिटा मार्जिन तक पहुंने में मदद मिलेगी।

कार्बन पर खर्च क्या है और उससे कैसे निपटा जाता है?

हम करीब 2.16 टन कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन से करीब 0.4 टन कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन की ओर रुख करेंगे। इसका औसत खर्च सालाना करीब 7 करोड़ पाउंड है जो काफी अधिक है।

ऊर्जा, कबाड़ जैसे नीतिगत मसलों पर आपकी ब्रिटेन सरकार से बात चल रही थी। कहां तक पहुंची?

ब्रिटेन सरकार ने व्यापक कार्बन समायोजन ढांचा (सीबीएएम) पर विचार-विमर्श की प्रक्रिया शुरू की है। हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही इसे कानूनी रूप दिया जाएगा। सीबीएएम से कम कार्बन उत्सर्जन वाले उत्पादों की कीमत उनकी मांग के हिसाब से पक्की होगी। ऊर्जा के मोर्चे पर सरकार पिछले एक साल से अधिक ऊर्जा उपयोग वाले उद्योगों के लिए एक नीति तैयार कर रही है।

जहां तक कबाड़ का सवाल है तो ब्रिटेन बड़ी मात्रा में इस्पात कबाड़ का उत्पादन करता है जिसका काफी हद तक मूल्यवर्द्धन नहीं होता बल्कि निर्यात किया जाता है। सरकार इसे समझती है और हम भी वहां कबाड़ की अच्छी व्यवस्था तैयार करने में मदद करना चाहते हैं।

क्या अनुदान हासिल करने के लिए आपने ब्रिटेन सरकार को निवेश बनाए रखने का भरोसा दिलाया है?

इस पर हम बाद में चर्चा करेंगे, लेकिन बुनियादी तौर पर यह अनुदान परियोजना के लिए है। हमने परियोजना पूरी करने का वादा किया है।

नीदरलैंड सरकार से बातचीत की क्या स्थिति है?

हम ब्रिटेन की ही तर्ज पर केवल मदद के लिए नहीं बल्कि पूरे ढांचे के लिए काफी सक्रियता से बातचीत कर रहे हैं।

First Published - September 17, 2023 | 11:02 PM IST

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