जोमैटो का शेयर इस कैलेंडर वर्ष में अब तक 9 प्रतिशत से ज्यादा गिर चुका है और बीएसई के सेंसेक्स की तुलना में उसका प्रदर्शन कमजोर है। सेंसेक्स में समान अवधि के दौरान करीब 5.3 प्रतिशत की गिरावट आई है।
इस कमजोर प्रदर्शन के बावजूद HSBC के विश्लेषकों का मानना है कि यह शेयर 87 रुपये पर पहुंच सकता है जो उसके मौजूदा स्तरों की तुलना में 64 प्रतिशत की तेजी है।
HSBC के विश्लेषकों योगेश अग्रवाल और अभिषेक पाठक ने एक रिपोर्ट में लिखा है कि फूड डिलिवरी उद्योग ने पिछले कुछ महीनों से कमजोरी दर्ज की है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘चालू वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में हमें सकल ऑर्डर वैल्यू (GOV) सालाना आधार पर करीब 9 प्रतिशत बढ़ने की संभावना है, जो 15 प्रतिशत के हमारे मध्यावधि अनुमानों से कम है। जोमैटो में निवेशकों के लिए कई बदलाव दिखे हैं।’
दिसंबर 2022 में समाप्त तीसरी तिमाही में जोमैटो का नुकसान पूर्ववर्ती अवधि के 63.2 करोड़ रुपये की तुलना में बढ़कर 346.6 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ने वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में 250.8 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया।
विश्लेषकों का कहना है कि ब्लिंकइट को शामिल किए जाने की वजह से नुकसान सालाना आधार पर करीब 5.5 गुना बढ़ गया। इस बीच, राजस्व 75 प्रतिशत बढ़कर 1,948.2 करोड़ रुपये हो गया, जो सालाना आधार पर 1,112 करोड़ रुपये से ज्यादा है।
HSBC का कहना है कि जोमैटो ने स्विगी के हाथों गंवाई अपनी बाजार भागीदारी में अब सुधार दर्ज किया है। कंपनी को जोमैटो गोल्ड की पेशकश से मदद मिली है।
2021-22 में जोमैटो की बाजार भागीदारी 55 प्रतिशत थी, जबकि स्विगी के लिए यह आंकड़ा 45 प्रतिशत था। HSBC का कहना है कि 2023-24 में जोमैटो के लिए बाजार भागीदारी का आंकड़ा बढ़कर 57 प्रतिशत, जबकि प्रतिस्पर्धी स्विगी के लिए 43 प्रतिशत रह सकता है।