टेलीकॉम

Spectrum Auction: नीलामी के लिए 2 महंगे स्पेक्ट्रम बैंडों के आरक्षित मूल्य में बदलाव नहीं, सबसे कीमती MHz बैंड को रखा गया बाहर

सरकार द्वारा नीलामी पर रखे गए सभी 8 स्पेक्ट्रम बैंडों में दिल्ली टेलीकॉम सर्किल के लिए आरक्षित मूल्य मुंबई से अधिक बना हुआ है, जबकि कोलकाता तीसरे स्थान पर है।

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शुभायन चक्रवर्ती   
Last Updated- March 10, 2024 | 9:33 PM IST

सरकार ने 20 मई को होने जा रही नीलामी के लिए दो सबसे महंगे स्पेक्ट्रम बैंडों, 800 मेगाहर्ट्ज और 900 मेगाहर्ट्ज के आरक्षित मूल्य में कोई बदलाव नहीं किया हैं। वहीं सरकार द्वारा नीलामी पर रखे गए सभी 8 स्पेक्ट्रम बैंडों में दिल्ली टेलीकॉम सर्किल के लिए आरक्षित मूल्य मुंबई से अधिक बना हुआ है, जबकि कोलकाता तीसरे स्थान पर है।

शुक्रवार को एक नोटिस से माध्यम से दूरसंचार विभाग ने घोषणा की थी कि दूरसंचार क्षेत्र में सक्रिय कंपनियां नीलामी के लिए 22 अप्रैल तक बोली दाखिल कर सकती हैं और यह नीलामी 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1,800 मेगाहर्ट्ज, 2,100 मेगाहर्ट्ज, 2,300 मेगाहर्ट्ज, 2,500 मेगाहर्ट्ज, 3,300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज के उपलब्ध स्पेक्ट्रम की होगी।

बहरहाल ऐसा लगता है कि सरकार ने प्रमुख टेलीकॉम सर्किलों में मांग वाले स्पेक्ट्रम बैंड के आरक्षित मूल्य बढ़ाने से बचने की कवायद की है। यह खासकर दिल्ली, मुंबई और कोलकाता सर्किल के लिए सही नजर आ रहा है जिसे सरकार रणनीतिक और आर्थिक महत्त्व और जनसंख्या के हिसाब से भारत के 22 टेलीकॉम सर्किलों में मेट्रो सर्किल के रूप में महत्त्वपूर्ण मानती है।

स्पेक्ट्रम के 800 मेगाहर्ट्ज बैंड के लिए दिल्ली में आरक्षित मूल्य 479 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज, मुंबई में 468 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज और कोलकाता में 153 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज रखा गया है। यह 2022 के आरक्षित मूल्य के बराबर है।

इसी तरह से 900 मेगाहर्ट्ज बैंड के लिए प्रति मेगाहर्ट्ज कीमत दिल्ली में कीमत 436 करोड़ रुपये मुंबई में 389 करोड़ रुपये और कोलकाता में 153 करोड़ रुपये रखी गई है और यह आरक्षित मूल्य इसके पहले की नीलामी के बराबर ही है।

स्पेक्ट्रम के 1,800 मेगाहर्ट्ज बैंड में प्रति मेगाहर्ट्ज कीमत दिल्ली में 270 करोड़ रुपये है, जो 2022 के बराबर ही है। मुंबई में इसे बढ़ाकर 364 करोड़ रुपये किया गया है, जो 2022 के 239 करोड़ रुपये की तुलना में 12 फीसदी अधिक है।

कोलकाता में ताजा नीलामी के लिए इसे बढ़ाकर 109 करोड़ रुपये किया गया है, जो 2022 के 97 करोड़ रुपये की तुलना में 12 फीसदी ज्यादा है। स्पेक्ट्रम के 2,100 मेगाहर्ट्ज बैंड का आरक्षित मूल्य दिल्ली में 12 फीसदी बढ़ाकर 251करोड़ रुपये किया गया है, जो 2022 में 224 करोड़ रुपये था। वहीं मुंबई में कीमत 196 करोड़ रुपये और कोलकाता में 80 करोड़ रुपये रखी गई है, जो पूर्ववत है। वहीं 2,300 मेगाहर्ट्ज और 2,500 मेगाहर्ट्ज बैंडों के आरक्षित मूल्य में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

सरकार ने नीलामी के लिए रखे गए 10,523.15 मेगाहर्ट्ज बैंड के लिए कुल मिलाकर आरक्षित मूल्य 96,317.15 करोड़ रुपये रखा है। हालंकि पिछले दौर में 1 अगस्त 2022 को समाप्त हुई बोली में 7 गुना अधिक स्पेक्ट्रम (72,098 मेगाहर्ट्ज) रखा था। इसमें से 51,236 मेगाहर्ट्ज या 71 प्रतिशत ही बिका था, और इसके लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये की बोली मिली थी।

सबसे कीमती और सबसे प्रभावी 700 मेगाहर्ट्ज बैंड को आगामी नीलामी से बाहर रखा गया है। 2022 की नीलामी में पहली बार हिस्सा लेने वाली कंपनी रिलायंस जियो ने सबसे ज्यादा स्पेक्ट्रम बैंड लिया था, जिसकी अनुमानित कीमत 39,270 करोड़ रुपये है। इसके पहले ज्यादा कीमत की वजह से लगातार दो नीलामियों में इस बैंड की बिक्री नहीं हो सकी थी। 2022 में इस बैंड का आरक्षित मूल्य 40 फीसदी कम कर दिया गया था।

दूरसंचार विभाग ने कहा है कि बोली में सफल कंपनी को शुद्ध वर्तमान मूल्य पर 8.65 फीसदी ब्याज दर के हिसाब से 20 समान सालाना किस्तों में भुगतान की अनुमति होगी। इस नीलामी में स्पेक्ट्रम के लिए स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) नहीं होगा।

First Published : March 10, 2024 | 9:33 PM IST