दूरंसचार क्षेत्र की दिग्गज कंपनी भारती एयरटेल (Bharti Airtel) के शेयर में साल 2024-25 (वित्त वर्ष 25) की शुरुआत से 28.4 प्रतिशत की मजबूती आई है। बाजार की हिस्सेदारी में सुधार, कम पूंजीगत व्यय के असर, ग्राहकों द्वारा ऊपरी श्रेणी में जाने और भविष्य में कीमतों में और बढ़ोतरी की उम्मीदों के मद्देनजर यह बढ़त बरकरार रह सकती है।
इन कारणों से ब्रोकरेज कंपनियों का मानना है कि शेयर का महंगा मूल्यांकन उचित है। शेयर अपने उद्यम मूल्य के मुकाबले 11.5 गुना स्तर पर कारोबार करते हुए परिचालन लाभ दर्ज कर रहा है और यह पिछले पांच वर्षों के औसत से 30 प्रतिशत अधिक है।
बाजार हिस्सेदारी में निरंतर वृद्धि और प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व या एआरपीयू में सुधार प्रमुख उत्प्रेरक हैं। जहां वोडाफोन आइडिया (Vi) की बाजार हिस्सेदारी 22 में से 16 सर्किलों में कमी के साथ अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है, वहीं भारती और जियो ने लगातार बढ़त दर्ज की है। भारती ने वित्त वर्ष 24 की तुलना में जून तिमाही में 35 आधार अंकों की बाजार हिस्सेदारी हासिल की।
जेफरीज रिसर्च के अक्षत अग्रवाल और आयुष बंसल ने कहा, ‘खास तौर पर भारती ने सी-सर्कल में वी और जियो दोनों से 90 आधार अंकों की बाजार हिस्सेदारी हासिल की, जो इसकी ग्रामीण विस्तार रणनीति को लेकर मांग दिखाता है। भारती ने महानगरों में अपनी बाजार हिस्सेदारी की अग्रणी स्थिति कायम रखी और ए-सर्किल में दूसरे स्थान पर रही, जो शहर-केंद्रित बाजारों में इसकी ताकत को दर्शाते हैं।’
अधिकांश ब्रोकरेज कहते हैं कि बाजार की अग्र्रणी कंपनियों (भारती और जियो) के लिए बढ़त तब तक जारी रहेगा, जब तक वी अपना नेटवर्क पूरा नहीं कर लेती। इसके अलावा इस क्षेत्र में राजस्व वृद्धि में कमी का दृश्य खत्म हो गया है और जून में की गई शुल्क बढ़ोतरी का असर चालू तिमाही में दिखेगा।
गोल्डमैन सैक्स रिसर्च का कहना है कि भारती का वायरलेस राजस्व प्रतिस्पर्धियों की तुलना में लगातार तेजी से बढ़ रहा है और कंपनी ने पिछले दो साल के दौरान राजस्व की बाजार हिस्सेदारी में 250 आधार अंकों की वृद्धि की है। उन्हें उम्मीद है कि सकारात्मक रुझानों से कंपनी को अगले तीन वर्षों में 200 आधार अंकों की बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद मिलती रहेगी।
बाजार हिस्सेदारी में बढ़त के अलावा गोल्डमैन सैक्स रिसर्च के मनीष अदुकिया के नेतृत्व में विश्लेषकों ने 4जी और पोस्टपेड ग्राहकों सहित आंतरिक संसाधनों के लाभ और भविष्य में शुल्क बढ़ोतरी जैसी अन्य अनुकूल परिस्थितियों की ओर इशारा किया है।
उन्हें वित्त वर्ष 26 में अगली शुल्क बढ़ोतरी की उम्मीद है और अनुमान जताया है कि भारती इंडिया का राजस्व वित्त वर्ष 24-27 के दौरान सालाना 16 प्रतिशत और संयुक्त स्तर पर 14 प्रतिशत बढ़ेगा। परिचालन की स्थिति और मिश्रण के मद्देनजर इसी अवधि में परिचालन लाभ में सालाना 21 प्रतिशत की तेजी से वृद्धि होने की उम्मीद है। ज्यादा शुल्क की उम्मीद एआरपीयू में नजर आएगी और बाजार की अग्रणी कंपनियों का नकदी प्रवाह बढ़ेगा।