राज्य संचालित ऊर्जा वितरण कंपनियों (discoms) से रास्ते के अधिकार की स्वीकृति कम और देरी से मिलने के कारण 5G के आधारभूत ढांचे का विस्तार धीमी गति से हो रहा है। यह जानकारी डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन (DIPA) ने दी।
DIPA टेलीकॉम के आधारभूत प्रदाताओं व निर्माताओं का प्रतिनिधित्व करती है। इस संस्था ने सोमवार को कहा कि राज्य discoms रास्ते का अधिकार की स्वीकृति जल्दी नहीं दे रहे हैं। discom प्लांटों से ऊर्जा खरीदते हैं और इसे खुदरा रूप में ग्राहकों को मुहैया करवाते हैं। 5G तकनीक को लोगों तक पहुंचाने में डिस्कॉम की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। सरकार ने 5G रेडियो को ‘स्ट्रीट फर्नीचर’ जैसे बिजली के खंबों, बस स्टॉप और ट्रैफिक लाइट पर लगाने की अनुमति प्रदान कर दी है।
सरकार की रास्ते के अधिकार की नीति के तहत मोबाइल कम्यूनिकेशन सिस्टम स्थापित करने के लिए भूमिगत (ऑप्टिकल फाइबर) और भूमि के ऊपर (मोबाइल टॉवर) के आधारभूत ढांचे को नियमित करने के उपबंध हैं। भारतीय टेलीग्राफ कानून, 2016 छह साल से पहले जारी किए गए थे लेकिन 5G तकनीक को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए इसमें महत्त्वपूर्ण सुधार की जरूरत थी। सरकार ने इस कानून में 2022 में संशोधन कर दिया था और लघु सेल ऑपरेटरों के लिए प्रक्रिया को आसान कर दिया था। इसके तहत टेलीकॉम के लाइसेंस धारकों को नाममात्र के शुल्क पर हालिया ‘स्ट्रीट फर्नीचर’ का इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी थी और निजी संपत्ति पर भी टेलीकॉम की आधारभूत संरचना की स्थापना की इजाजत दे दी थी।
हालांकि भारत के टेलीकॉम नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने स्ट्रीट फर्नीचर की परिभाषा को स्पष्ट करने के लिए कानून में संशोधन का प्रस्ताव किया था। ट्राई ने बड़े पैमाने पर आवेदन को स्वीकार करने के उपबंध की मांग भी की थी। अब डीआईपीए ने आरोप लगाया है कि डिस्कॉम बड़े पैमाने पर स्वीकृति नहीं मुहैया करवा रहा है। लिहाजा हजारों 5G छोटे सेल स्थापित करने की अनुमति लंबित है। 5G में सभी तरह के इस्तेमाल और एप्लीकेशन के लिए व्यापक रूप से छोटे सेलों की जरूरत होती है। लिहाजा एक सेल से 10 मीटर की दूरी पर दूसरा सेल लगाने की जरूरत होती है जबकि पहले तीन किलोमीटर की दूरी पर सेल लगाने की जरूरत होती थी। DIPA ने चिह्नित किया है कि केवल तीन बड़े राज्यों महाराष्ट्र, राजस्थान और असम ने भारतीय टेलीग्राफ के रास्ते के अधिकार- संशोधन नियमों, 2022 के अनुरूप नीतियां बनाई हैं।