टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) वर्ष 2022 में एचडीएफसी बैंक की जगह देश का सबसे मूल्यवान ब्रांड बन गई है, जो वर्ष 2014 से पहले पायदान पर काबिज रहा है। भारत के सबसे मूल्यवान ब्रांडों के संबंध में कैंटर ब्रैंडज की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
वैश्विक महामारी के बाद स्वचालन और डिजिटल परिवर्तन की बढ़ती वैश्विक मांग की वजह से टीसीएस पहला स्थान हासिल कर सकी।
भारतीय ब्रांडों ने कोविड-19 वाले 2020 के बाद से अपने ब्रांड मूल्य में 35 प्रतिशत तक की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) के साथ महामारी से उबर कर सामान्य स्थिति में वापसी की है।
कैंटर ने ब्रांडों की अपनी रिपोर्ट में कहा है कि देश के शीर्ष 75 ब्रांडों का कुल मूल्य 393 अरब डॉलर है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कैंटर ब्रांड्ज के शीर्ष 75 सर्वाधिक मूल्यवान भारतीय ब्रांडों की वृद्धि दर दुनिया भर के अन्य प्रमुख बाजारों में दर्ज की जा रही वृद्धि दर से कहीं ज्यादा है।
इस कुल मूल्यांकन में प्रौद्योगिकी और बैंकिंग ब्रांड का योगदान आधे से अधिक है। इसके अलावा छह बी2बी (बिजनेस-टु-बिजनेस) प्रौद्योगिकी ब्रांड और 11 उपभोक्ता प्रौद्योगिकी ब्रांडों का इस रैंकिंग के कुल मूल्य में 35 प्रतिशत का योगदान है, जो ‘टेक इंडिया’ के उदय को दर्शाता है।
कैंटर ने कहा कि कुल मिलाकर बी2बी ब्रांड (तकनीक और भुगतान वाले) बी2सी (बिजनेस-टु-कंज्यूमर) ब्रांडों की तुलना में औसतन लगभग तीन गुना अधिक मूल्यवान हैं, जो यह बात दर्शाता है कि कई बी2बी ब्रांड वैश्विक मंच
पर भूमिका निभा रहे हैं, जबकि बी2सी घरेलू बाजार पर अधिक केंद्रित हैं।
दूरसंचार प्रदाताओं ने वृद्धि के इन अवसरों का पूरा फायदा उठाया, क्योंकि शिक्षा से लेकर काम तक, सब कुछ ऑनलाइन हो गया।
रिपोर्ट के मुताबिक कुल मूल्य में छह बैंकिंग ब्रांडों की 19 फीसदी हिस्सेदारी रही। अपने प्रदर्शन के लिए बीमा ब्रांड भी उल्लेखनीय हैं, जिन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है क्योंकि महामारी ने जीवन और स्वास्थ्य सुरक्षा के संबंध में उपभोक्ताओं का ध्यान केंद्रित किया है।
वे नए ब्रांड जिन्होंने इस साल भारत के सबसे मूल्यवान ब्रांडों में जगह बनाई है, उनमें वोडाफोन और आइडिया के विलय से बनने वाली वीआई (15), भारत की सबसे मूल्यवान शिक्षा ब्रांड बनने वाली बैजूज (19) और अदाणी गैस (21) शामिल हैं ।
कैंटार के कार्यकारी प्रबंध निदेशक (दक्षिण एशिया, इनसाइट्स डिवीजन) दीपेंद्र राणा ने कहा कि भारत के प्रमुख ब्रांड वैश्विक कोविड -19 की रुकावट को पीछे छोड़ते हुए आर्थिक बाधाओं के बावजूद असाधारण दर से बढ़े हैं। वास्तव में उन्होंने कोविड -19 के परिणामस्वरूप उपभोक्ता और कारोबारी व्यवहार में परिवर्तन से संचालित भी हुए हैं और लाभान्वित भी, खास तौर जहां इसका संबंध प्रौद्योगिकी के इस्तेमालसे है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 65 प्रतिशत भारतीय जलवायु परिवर्तन के संबंध में चिंतित हैं और 64 प्रतिशत लोगों का मानना है कि इसमें कारोबारों को अपनी भूमिका निभानी चाहिए। शीर्ष 75 की सूची में शामिल शीर्ष रैंकिंग वाले ब्रांडों का उद्देश्य स्पष्ट है और उनका प्रासंगिक टिकाऊ एजेंडा है।
