टाटा समूह की सबसे मुनाफेदार कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) वित्त वर्ष 2023 में भारतीय उद्योग जगत में सबसे ज्यादा लाभांश (Dividend) देने वाली कंपनी भी रही। डिविडेंड भुगतान के मामले में उसने वेदांत को भी पीछे छोड़ दिया।
आईटी क्षेत्र की इस दिग्गज कंपनी ने वित्त वर्ष 2023 में कुल 42,090 करोड़ रुपये का इक्विटी लाभांश दिया है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष से 167.4 फीसदी अधिक है। वित्त वर्ष 2022 में कंपनी ने बतौर लाभांश 15,738 करोड़ रुपये दिए थे।
वित्त वर्ष 2022 में खनन एवं धातु क्षेत्र की कंपनी वेदांत 16,681 करोड़ रुपये लाभांश देकर सबसे आगे रही थी। पिछले वित्त वर्ष में भी उसने 37,758 करोड़ रुपये लाभांश दिया, जो साल भर पहले से 126.4 फीसदी अधिक था। मगर कंपनी इस फेहरिस्त में टीसीएस से पीछ रह गई।
इसके बाद हिंदुस्तान जिंक ने करीब 32,000 करोड़ रुपये, कोल इंडिया ने 20,491 करोड़ रुपये और आईटीसी ने 15,846 करोड़ रुपये लाभांश दिया। हिंदुस्तान जिंक में वेदांत की 65 फीसदी हिस्सेदारी है।
यह विश्लेषण बीएसई 500, बीएसई मिडकैप और बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक की 1,075 सूचीबद्ध कंपनियों के नमूने द्वारा हर साल किए गए लाभांश भुगतान पर आधारित है। इन 1,075 कंपनियों ने वित्त वर्ष 2023 में कुल 3.94 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड लाभांश दिया, जो वित्त वर्ष 2022 के 2.98 लाख करोड़ रुपये से 32.1 फीसदी अधिक रहा। मगर 2023 में इन कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा साल भर पहले के मुकाबले केवल 5 फीसदी बढ़कर 10.95 लाख करोड़ रुपये रहा।
10 शीर्ष नामों में एचडीएफसी बैंक और भारतीय स्टेट बैंक ने भी जगह बनाई
वित्त वर्ष 2023 के लिए भारतीय उद्योग जगत के अंतिम भुगतान आंकड़े में इजाफा हो सकता है क्योंकि अभी रिलायंस इंडस्ट्रीज, जेएसडब्ल्यू स्टील, गेल (इंडिया) और भारत पेट्रोलियम जैसी बड़ी कंपनियों ने लाभांश भुगतान की घोषणा नहीं की है।
बहरहाल इस सूची के 10 शीर्ष नामों में एचडीएफसी बैंक और भारतीय स्टेट बैंक ने भी जगह बनाई है। एचडीएफसी बैंक 10,601 करोड़ रुपये लाभांश भुगतान कर 8वें स्थान पर रहा। पिछले साल इसने 3,592.4 करोड़ रुपये लाभांश दिया था और 23वें नंबर पर था। स्टेट बैंक हालिया संपन्न वित्त वर्ष में 10,085 करोड़ रुपये लाभांश देकर 11वें से 10वें स्थान पर आ गया।