प्रमुख आईटी सेवा कंपनी टाटा कंसल्टैंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने कहा है कि सितंबर तिमाही के अंत में उसके कर्मचारियों की कंपनी छोडऩे की दर 8.9 फीसदी पर सर्वकालिक निचले स्तर पर होने के बावजूद वह परिसरों से नए स्नातकों की नियुक्तियां जारी रखेगी।
हालांकि कंपनी ने फिलहाल यह नहीं बताया है कि इस साल परिसरों से कितने नए स्नातकों को नियुक्त करने की योजना है। लेकिन कंपनी के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी एवं कार्यकारी उपाध्यक्ष मिलिंद लक्कड़ ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा कि वह आंकड़ा कमोबेश पिछले साल जैसा ही होगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पडऩे पर कंपनी लेटरल हायरिंग यानी अनुभवी लोगों की नियुक्ति भी करेगी जो कारोबारी मांग पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा यदि कोई अंतर दिखेगा तो उसे आंतरिक प्रतिनियुक्तियों के जरिये पूरा किया जाएगा।
लक्कड़ ने कहा, ‘कैम्पस हायरिंग पिछले कई वर्षों से हमारी वृद्धि संबंधी रणनीति का एक एक प्रमुख कारक रही है। मुझे नहीं लगता है कि वित्त वर्ष 2021 के लिए इसमें (परिसर से नियुक्तियों की संख्या में) कोई खास बदलाव होगा। प्रशिक्षुओं की नियुक्यिों की संख्या बरकरार रहेगी।’ उन्होंने कहा, ‘हमारे कर्मचारियों के कंपनी छोडऩे की दर उद्योग के लिए एक बेंचमार्क रहा है और वैश्विक महामारी के कारण इसमें कमी आई है। यदि कुछ समायोजन किया गया तो वह कारोबारी मांग और लेटरल नियुक्तियों के जरिये किया जाएगा। हमें अनुभवी पेशेवरों की भी आवश्यकता है। लेकिन कितने लोगों को बाहर से बुलाने और कितने लोगों को आंतरित तौर पर पूरा किया जा सकता है, यह एक ऐसा निर्णय है जिसकी हम हर दिन समीक्षा करते हैं।’
टाटा समूह की इस कंपनी के कर्मचारियों की कुल संख्या 30 सितंबर 2020 को समाप्त तिमाही में 9,864 बढ़कर 4,53,000 हो गई। तिमाही के दौरान कंपनी ने भारत में लगभग 7,200 प्रशिक्षुओं को नियुक्त किया जबकि अमेरिका में यह संख्या करीब 1,000 और यूरोप में 100 रही। चालू तिमाही के दौरान टीसीएस 8,000 से अधिक प्रशिक्षुओं को तैनात करना चाहती है। इससे पहले कंपनी ने संकेत दिया था कि वह चालू वित्त वर्ष के दौरान परिसरों से साक्षात्कार के जरिये 40,000 नए स्नातकों को नियुक्ति की पेशकश कर सकती है।
टीसीएस ने नैशनल क्वालिफायर टेस्ट (एनक्यूटी) के जरिये नए इंजीनियरिंग स्नातकों की स्क्रीनिंग करती रही है। लेकिन पिछले साल के विपरीत इस साल कंपनी उम्मीदवारों को दूर से ही निर्धारित केंद्रों पर उपस्थित होकर परीक्षा देने की अनुमति देगी। इसके लिए कंपनी डिजिटल प्रापॅक्टरिंग का इस्तेमाल करेगी और अपने डिजिटल मूल्यांकन आईऑन प्लेटफॉर्म के जरिये कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित निगरानी को तैनात करेगी।
फ्यूचर ने सहमति नहीं मांगी: एमेजॉन
एमेजॉन ने शुक्रवार को खुलासा किया कि रिटेल दिग्गज फ्यूचर समूह ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ सौदा करने के लिए अमेरिकी ई-कॉमर्स दिग्गज से इजाजत नहीं मांगी। एमेजॉन के प्रवक्ता ने कहा, मैं स्पष्ट करता हूं कि फ्यूचर समूह ने लेनदेन के लिए जरूरी सहमति नहीं ली, न ही किसी तरह की सहमति एमेजॉन की तरफ से दी गई।
एमेजॉन ने फ्यूचर समूह को कानूनी नोटिस भेजा है क्योंंकि उसने रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ सौदा किया है। इसके लिए उसने किशोर बियाणी की अगुआई वाली शृंखला के साथ गैर-प्रतिस्पर्धी करार का हवाला दिया है। एमेजॉन के एक अन्य प्रवक्ता ने कहा, हमने अपने आनुबंधिक अधिकार को लागू कराने के लिए कदम उठाए हैं। सूत्रों के मुताबिक, एमेजॉन व फ्यूचर समूह इस विवाद के बाद सिंगापुर में आर्बिट्रेशन कार्यवाही शुरू करने की योजना बना रहे हैं। यह विवाद फ्यूचर की तरफ से अपने खुदरा व थोक कारोबार रिलायंस को बेचने से जुड़ा है। उद्योग के एक अधिकारी ने कहा, एमेजॉन व फ्यूचर अनुबंध में आर्बिट्रेशन का प्रावधान है, लेकिन किसी ने भी इसकी कल्पना नहीं की थी कि इसकी जरूरत पड़ जाएगी। इस साल 29 अगस्त को रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड ने फ्यूचर समूह के खुदरा, थोक, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग कारोबार के अधिग्रहण के लिए सौदे का ऐलान किया था। यह सौदा 24,713 करोड़ रुपये का है। बीएस