TCS Virgin Atlantic deal: टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने ब्रिटिश एयरलाइन वर्जिन अटलांटिक के साथ नया 7 साल का एग्रीमेंट किया है। यह साझेदारी पिछले 20 साल से चल रही है और अब इसे और मजबूत किया जाएगा। इस नए समझौते का मकसद वर्जिन अटलांटिक की डिजिटल तकनीकों को खासकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और क्लाउड टेक्नोलॉजी पर और बेहतर बनाना है।
इस समझौते के तहत टीसीएस वर्जिन अटलांटिक के मुख्य तकनीकी सिस्टम को आधुनिक बनाएगी। AI और क्लाउड प्लेटफॉर्म की मदद से एयरलाइन की कार्यक्षमता, मजबूती और तेजी बढ़ाने पर ध्यान दिया जाएगा। दोनों कंपनियां मिलकर एक नया टेक्नोलॉजी कमांड सेंटर बनाएंगी, जो रियल टाइम डेटा कलेक्ट करके स्टाफ को तेजी से बेहतर फैसले लेने में मदद करेगा। इससे यात्रियों और कर्मचारियों दोनों का अनुभव बेहतर होगा।
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वर्जिन अटलांटिक के CEO शाई वेइस ने कहा कि यह साझेदारी अब केवल सेवा देने की नहीं बल्कि नए-नए इनोवेशन लाने की है। इसमें व्यक्तिगत जरूरतों को ध्यान में रखते हुए जनरेटिव AI का इस्तेमाल होगा। यह तकनीक टिकट की कीमत, सीट आवंटन, विमान मेंटिनेंस, ग्राहकों की पसंद और खाने-पीने की प्राथमिकताओं को समझने में मदद करेगी।
उन्होंने यह भी बताया कि भारत के साथ उनके जुड़ाव का एक उदाहरण है कि हर फ्लाइट में भारत से चार लोकल केबिन क्रू होते हैं और ऑन बोर्ड भारतीय स्वाद के ‘समोसे’ भी मिलते हैं।
शाई वेइस ने कहा कि भारत अब केवल सेवा देने वाला देश नहीं रहा, बल्कि डिजिटल रणनीति में भी बड़ी भूमिका निभा रहा है। टीसीएस अपनी खास तकनीक जैसे TCS Cognix और AI WisdomNext का इस्तेमाल वर्जिन अटलांटिक की ग्राहक सेवा और पर्यावरणीय लक्ष्यों को पूरा करने में कर रहा है।
वर्जिन अटलांटिक ने 2024 में पांच मिलियन से ज्यादा यात्रियों को उड़ान की सेवाएं दीं। अब वह अपनी सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए डिजिटल बदलाव करना चाहता है। इस काम में टीसीएस अपनी टीम के साथ पूरी मदद करेगा।