टाटा स्टील (Tata Steel) अपने नैचुरल रिसोर्सेज डिवीजन के जरिये बैटरी से जुड़ी धातुओं के सेगमेंट में अवसर तलाशेगी। कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि इसमें लीथियम भी शामिल है।
नैचुरल रिसोर्सेज डिवीजन ने कई दशकों से निजी खनन संबंधित सेवाओं में मदद प्रदान कराने के लिए परिचालन किया है। वर्ष 2021 में, इस डिवीजन ने टाटा स्टील इंडस्ट्रियल कंसल्टिंग के जरिये खनन क्षेत्र में अन्य कंपनियों को वाणिज्यिक सेवाएं मुहैया करानी शुरू की थीं। कंपनी के अधिकारी के अनुसार यह इकाई अब बैटरी मिनरल्स में अन्वेषण एजेंसी के रूप में भागीदारी पर विचार कर सकती है।
टाटा स्टील के अधिकारी ने लीथियम और अन्य संबंधित धातुओं में अवसर के बारे में पूछे गए सवाल पर कहा, ‘हां, यदि विभिन्न बैटरी धातुओं के संसाधन तलाशने के लिए आर्थिक रूप से व्यवहार्य अवसर मिलते हैं तो अपने भागीदारों के साथ एक अन्वेषण एजेंसी के तौर पर इस संबंध में विचार करेंगे।’
अप्रैल में, टाटा स्टील ने कंसल्टेंट इंजीनियरिंग दिग्गज एमएन दस्तूर ऐंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के साथ व्यावसायिक सहयोग समझौता किया था।
कंपनी ने अप्रैल में की गई अपनी घोषणा में कहा, ‘एमएन दस्तूर ऐंड कंपनी के साथ यह समझौता खासकर खनन इन्फ्रास्ट्रक्चर नियोजन और व्यवहार्य रिपोर्ट तैयार करने के क्षेत्र में हमारी क्षमताओं को मजबूत बनाएगा।’
टाटा समूह ने जून में भी 20 गीगावॉट घंटे की शुरुआती निर्माण क्षमता के लिए करीब 13,000 करोड़ रुपये के निवेश से लीथियम-आयन बैटरी संयंत्र लगाने के लिए गुजरात राज्य सरकार के साथ समझौता किया।
मौजूदा समय में भारत में लीथियम का कोई चालू घरेलू स्रोत नहीं है और वह लीथियम-आयन बैटरी जरूरतों के लिए आयात पर निर्भर करता है। फरवरी में, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण में जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के सलाल-हैमाना एरिया में 59 लाख टन लीथियम इन्फर्ड रिसोर्स (जी 3) की स्थापना की।
इस्पात निर्माता का नैचुरल रिसोर्सेज डिवीजन खनन मंत्रालय द्वारा नॉटीफायड प्राइवेट एक्सप्लोरेशन एजेंसीज (एनपीईए) के तौर पर सूचीबद्ध 14 कंपनियों में शामिल है।