समूह कंपनियों में दूसरे नंबर पर टाटा स्टील

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 5:10 AM IST

टाटा स्टील की शेयर कीमत और बाजार पूंजीकारण लगातार नई ऊंचाई पर हैं, क्योंकि निवेशकों ने आगामी तिमाहियों में कंपनी के मुनाफे में संभावित तेजी पर अपना दांव लगाया है। सोमवार को, इस्पात निर्माता टाटा स्टील, टाटा समूह की कंपनियों में बाजार पंूजीकरण के संदर्भ में टाइटन को पीछे छोड़कर दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बन गई। सितंबर 2020 के अंत में, समूह कंपनियों में, टीसीएस, टाइटन, टाटा कंज्यूमर और टाटा मोटर्स के बाद यह पांचवें स्थान पर थी।
राजस्व और परिसंपत्तियों के संदर्भ में अपेक्षाकृत एक छोटी कंपनी टाइटन ने मार्च 2015 में बाजार पूंजीकरण के संदर्भ में टाटा स्टील को पीछे छोड़ा था।
ऐतिहासिक तौर पर, टाटा स्टील हमेशा से बाजार पूंजीकरण, राजस्व और मुनाफे के संदर्भ में समूह में सबसे बड़ी कंपनियों में शामिल रही थी, लेकिन उसके यूरोपीय परिचालन के मुनाफे में भारी कमी की वजह से 2020 के बाद उस पर दबाव शुरू हो गया। टाटा स्टील ने यूरोपीय परिचालन का 2007 में अधिग्रहण किया था। इस अधिग्रहण के बाद कर्ज बोझ बढऩे की वजह से कंपनी पर दबाव पैदा हो गया था।
वित्त वर्ष 2011 में उसने राजस्व के संदर्भ में टाटा मोटर्स को पीछे छोड़ा और फिर मार्च 2015 में टाइटन बाजार पूंजीकरण के संदर्भ में समूह कंपनियों में तीसरी सबसे बड़ी फर्म बन गई। वित्त वर्ष 2020 में टीसीएस ने सर्वाधिक राजस्व दर्ज किया और टाटा स्टील इस संदर्भ में तीसरी सबसे बड़ी कंपनी रही।
हालांकि टाटा स्टील कुल परिसंपत्तियों और कुल बकाया कर्ज के संदर्भ में समूह में शीर्ष स्थान पर रही। कंपनी की कुल परिसंपत्तियों करीब 2 लाख करोड़ रुपये पर थीं और सितंबर 2020 के अंत में उस पर करीब 1.12 लाख करोड़ रुपये का सकल कर्ज था।
विश्लेषक अब टाटा स्टील की वित्तीय स्थिति में वित्त वर्ष 2022 में बड़ा सुधार आने की उम्मीद कर रहे हैं।
उदाहरण के लिए, एडलवाइस सिक्योरिटीज के विश्लेषकों का मानना है कि टाटा स्टील वित्त वर्ष 2022 में करीब 1.73 लाख करोड़ रुपये की शुद्घ बिक्री और करीब 20,000 करोड़ रुपये का शुद्घ लाभ दर्ज करेगी। इससे टाटा स्टील समूह में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के बाद दूसरी सबसे ज्यादा लाभकारी कंपनी बन जाएगी।
एडलवाइस सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने लिखा है, ‘टाटा स्टील का परिचालन प्रदर्शन वित्त वर्ष 2022 में सुधरने की संभावना है। हमारा मानना है कि टीएसएल इस्पात कीमतों में ताजा तेजी की सबसे बड़ी लाभार्थी बन सकती है। घरेलू लौह अयस्क समेकन और बेहतर कीमत के वाहन अनुबंधों से वित्त वर्ष 2022 में शानदार एबिटा हासिल करने में मदद मिल सकती है।’
यह टाटा संस के लिए वित्तीय रूप से वरदान साबित होगा, जिसने इक्विटी निवेश के जरिये पिछले दशक में टाटा स्टील को लगातार वित्तीय मदद मुहैया कराई है। टाटा स्टील में टाटा संस इक्विटी निवेश टाटा मोटर्स के लिए उसके निवेश के बाद समूह कंपनियों में दूसरा सबसे बड़ा निवेश है।
हालांकि समूह की इस होल्डिंग कंपनी ने पिछले 10 वर्षों में टाटा स्टील में अपने निवेश पर लाभांश के तौर पर ज्यादा कमाई न हीं की है। टाटा स्टील द्वारा चुकाया जाने वाला कुल इक्विटी लाभांश वित्त वर्ष 2008 से नहीं बढ़ा है। अब विश्लेषक वैश्विक इस्पात चक्र में बदलाव की वजह से हालात बदलने की उम्मीद कर रहे हैं। नारनोलिया सिक्योरिटीज के सीआईओ शैलेंद्र कुमार का कहना है, ‘टाटा स्टील समेत इस्पात कंपनियां लाभांश का बड़ा स्रोत साबित हो सकती है।

ब्लैकस्टोन ने पीई प्रमुख अमित दीक्षित को एशिया पीई का मुखिया बनाया
वैश्विक निजी इक्विटी दिग्गज ब्लैकस्टोन ग्रुप ने एशिया एक्वीजिशंस के वरिष्ठ प्रबंध निदेशक, सह-प्रमुख और ब्लैकस्टोन प्राइवेट इक्विटी के भारत में प्रमुख अमित दीक्षित को एशियाई निजी इक्विटी का मुखिया बनाया है।
दीक्षित ने हार्वउर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए, स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग में एमएस, और आईआईटी-बंबई से बी-टेक किया है। दीक्षित अमेरिका स्थित अन्य पीई कंपनी वारबर्ग पिनकस से वर्ष 2007 में ब्लैकस्टोन से जुड़े थे।  बीएस

First Published : May 5, 2021 | 12:12 AM IST