बदलती गईं टाटा संस की नीतियां

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 4:06 PM IST

 टाटा ट्रस्ट्स के मौजूदा चेयरमैन रतन टाटा ने समूह की हो​ल्डिंग कंपनी टाटा संस की नीतियों में कई बदलाव किए हैं। समूह का परिचालन एक कंपनी के अधीन लाए जाने के प्रयास में ये बदलाव किए गए हैं। 
टाटा संस के आर्टीकल्स ऑफ एसोसिएशन (एओए) में ताजा बदलाव से वर्ष 2012 तक टाटा संस के चेयरमैन रहे रतन टाटा अब (टाटा ट्रस्ट्स के साथ साथ टाटा संस के भी) आ​खिरी अध्यक्ष होंगे। टाटा संस में टाटा ट्रस्ट्स की 66 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि टाटा समूह की अन्य कंपनियां की 18.37 प्रतिशत भागीदारी है। शेष भागीदारी टाटा परिवार के सदस्यों और अन्य छोटे शेयरधारकों की है।
जहां टाटा ने समूह कंपनियों के वि​भिन्न दबंग प्रमुखों को विवादास्पद तरीके से हटाने के साथ अपना सफर शुरू किया, वहीं उन्होंने टाटा समूह कंपनियों को 1998 में टाटा ब्रांड नाम इस्तेमाल करने के लिए टाटा संस को अपने राजस्व का 0.25 प्रतिशत हिस्सा ब्रांड शुल्क के तौर पर चुकाने का भी निर्देश जारी किया था। 
टाटा समूह के एक पूर्व अ​धिकारी ने कहा, ‘तब इस आइडिया का मकसद यह था समूह की वि​भिन्न कंपनियों में टाटा संस की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए इस कोष (ब्रांड शुल्क के तौर पर हासिल रा​शि) का इस्तेमाल करना।’
वर्ष 2000 में, टाटा ने कम उम्र के लोगों को शामिल करने के लिए टाटा समूह की 70 वर्ष की सेवानिवृ​त्ति नीति में संशोधन किया और पुराने निर्देशों को समाप्त किया। लेकिन जुलाई 2005 में, टाटा संस ने अपने गैर-कार्यकारी निदेशकों के लिए सेवानिवृ​त्ति में फिर से बदलाव किया और इस समय-सीमा को बढ़ाकर 75 वर्ष कर दिया गया। 
इससे टाटा को 2012 तक चेयरमैन बने रहने की अनुमति मिली।  तब टाटा 67 वर्ष के थे और कुछ वर्ष बाद उनका 70वां जन्मदिन था। सेवाविृति उम्र बढ़ने से उत्तरा​धिकार की समस्या का समाधान हो गया।
सितंबर, 2000 में टाटा समूह ने टाटा संस की सालाना आम बैठक में आर्टीकल्स ऑफ एसोसिएशन के नए वर्सन के जरिये आर्टीकल्स 104बी और 121 में कई बदलाव किए। आर्टीकल 121 में अप्रैल 2014 में फिर से बदलाव किया गया। 
अक्टूबर 2016 में टाटा संस बोर्ड से साइरस मिस्त्री को हटाए जाने के बाद कंपनी 2017 में प्राइवेट लिमिटेड बन गई, जिससे शेयरों का स्थानांतरण कठिन हो गया। प्राइवेट बनने की वजह से मिस्त्री शेयरों की बिक्री टाटा समूह की अनुमति के बगैर किसी अन्य को करने से प्रतिबं​धित हो गए।
इस साल के शुरू में टाटा संस ने अपनी सेवानिवृ​त्ति नीति में अन्य बदलाव किए, जिसके तहत उसके बोर्ड में ट्रस्ट नामित निदेशक के लिए सेवानिवृति उम्र समाप्त की गई।  इसके साथ, पूर्व नौकरशाह एवं टाटा के वफादार विजय सिंह टाटा संस के निदेशक मंडल में फिर से शामिल हो गए। मंगलवार को टाटा संस के शेयरधारकों ने एओए में एक अन्य संशोधन को भी अपनी स्वीकृति दे दी है। 
 

First Published : August 31, 2022 | 9:55 PM IST