टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (TCP) और विप्रो कंज्यूमर केयर ऐंड लाइटिंग (Wipro Consumer Care and Lighting) चेन्नई की आची मसाला फूड्स में बहुलांश हिस्सेदारी खरीदने की दौड़ में हैं।
सूत्रों ने कहा कि यह सौदा करीब 1,000 करोड़ रुपये में हो सकता है। अगर यह सौदा परवान चढ़ता है तो यह तैयार मसाला बाजार में विप्रो कंज्यूमर केयर ऐंड लाइटिंग के पोर्टफोलियो के लिए मूल्यवान विस्तार होगा।
अप्रैल में विप्रो ने घोषणा की थी कि वह केरल के पारंपरिक शाकाहारी मसाला मिश्रण और खाना पकाने के तैयार ब्रांड – ब्राह्मणस (Brahmins) को खरीदेगी। हालांकि इस बात का खुलसा नहीं किया गया था कि यह सौदा कितने का होगा।
संतूर ब्रांड से साबुन बनाने वाली कंपनी विप्रो ने पिछले साल दिसंबर में यह घोषणा भी की थी कि उसने मसालों और खाना बनाने के लिए तैयार उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला का उत्पादन करने के लिए निरापारा खरीदने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
दूसरी ओर टाटा कंज्यूमर पहले से ही अपने ब्रांड टाटा संपन्न (Tata Sampann) के साथ इस खंड में मौजूद है और यह सौदा तैयार मसाला बाजार में उसकी पकड़ मजबूत करने में मदद कर सकता है।
इस बात की संभावना जताई जा रही है कि आची मसाला फूड्स के प्रवर्तकों के पास अल्पांश हिस्सेदारी रहेगी। कंपनी का राजस्व वित्त वर्ष 2022 में 1,660 करोड़ रुपये और शुद्ध लाभ 21.7 करोड़ रुपये रहा था। इस कंपनी के अधिग्रहण पर विभिन्न बड़ी कंपनियों की नजर है। एक बैंकर ने कहा कि कुछ निजी इक्विटी फर्मों ने भी कंपनी के अधिग्रहण में रुचि दिखाई है।
टीसीपी और विप्रो कंज्यूमर केयर ने बाजार की अटकलों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
पिछले साल अक्टूबर में डाबर इंडिया ने भी 587.52 करोड़ रुपये में बादशाह मसाला में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी ली थी।
कंपनी ने कहा कि भारत में मसालों का बाजार 60,000 करोड़ रुपये का है, जिसमें ब्रांडेड मसालों की बिक्री की हिस्सेदारी 25,000 करोड़ रुपये रहती है। ब्रांडेड मसालों का बाजार 15 से 20 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। वर्ष 2020 में ITC ने 2,150 करोड़ रुपये में सनराइज फूड्स का अधिग्रहण कर मसाला बाजार में कदम रखा था।
इससे पहले टाटा कंज्यूमर बोतलबंद पानी ब्रांड बिसलेरी का करीब 7,000 करोड़ रुपये में खरीदने के लिए बातचीत की थी लेकिन मूल्यांकन की चिंता की वजह से बात नहीं बन पाई। हाल के वर्षों में टाटा समूह ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिस्पर्धी फर्मों का अधिग्रहण कर बाजार हिस्सेदारी बढ़ाई है।