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Adani Wilmar से अलग होने की तैयारी में अदाणी और विल्मर! प्राइवेट इक्विटी फर्मों से चल रही बातचीत

Adani Wilmar की बुधवार को मार्केट वैल्यूएशन 51,512.76 करोड़ रुपये रही। ऐसे में अगर दोनों अपनी हिस्सेदारी बेचते हैं तो यह अब तक के सबसे बड़े लेनदेन में से एक होगी।

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देव चटर्जी   
Last Updated- December 06, 2023 | 10:57 PM IST

इन दिनों अदाणी के शेयरों में रौनक फिर से लौट आई है। लेकिन इस बीच, अदाणी ग्रुप और इसकी सिंगापुर की जॉइंट वेंचर पार्टनर विल्मर इंटरनैशनल (Wilmar International) अपने फूड प्रोडक्ट फर्म अदाणी विल्मर लिमिटेड (Adani Wilmar Ltd.) की हिस्सेदारी को बेचना चाह रही हैं। इसके लिए कंपनियों ने कई प्राइवेट इक्विटी फर्मों से बातचीत की है। Adani Wilmar Ltd (AWL) में दोनों कंपनियों की कुल मिलाकर 88 फीसदी हिस्सेदारी है, यानी 44 फीसदी अदाणी ग्रुप की और 44 फीसदी विल्मर इंटरनैशनल की। यह जानकारी एक प्राइवेट इक्विटी फर्म के टॉप अधिकारी ने दी।

बुधवार को अदाणी विल्मर की मार्केट वैल्यूएशन 51,512.76 करोड़ रुपये रही। ऐसे में अगर बिक्री होती है तो यह अब तक के सबसे बड़े लेनदेन में से एक बन जाएगी। इस साल जनवरी में अपने पीक पर, AWL की वैल्यू 81,268 करोड़ रुपये थी, लेकिन इस साल जनवरी में अमेरिका की शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग की निराधार रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद कंपनी के शेयर की कीमत गिर गई।

अमेरिका स्थित एक बड़ी प्राइवेट इक्विटी फर्म के हेड ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘अदाणी और विल्मर की एक जॉइंट टीम ने संभावित हिस्सेदारी बिक्री के लिए प्राइवेट इक्विटी (PE) से संपर्क किया है और हम प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं।’

इस वजह से जल्द बन सकती है बात

सूत्र ने कहा कि PE के पास भारतीय कंपनियों में निवेश के लिए अरबों डॉलर का कैश है – बशर्ते भारतीय कंपनियों द्वारा मांगा गया वैल्यूएशन सही हो। सूत्र ने कहा, हेल्थकेयर, कंज्यूमर रिटेल और टेक्नोलॉजी PE की टॉप इन्वेस्टमेंट लिस्ट में है और अदाणी विल्मर एक कंज्यूमर प्रोडक्ट कंपनी के रूप में फिट बैठता है।

अदाणी ग्रुप और विल्मर इंटरनैशनल ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। पिछले सप्ताह आयोजित एक कार्यक्रम में अदाणी ग्रुप के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) जुगेशिंदर सिंह ने कहा था कि ग्रुप फिलहाल इस बात पर स्टडी कर रहा है कि विल्मर की हिस्सेदारी अपने पास रखी जाए या बेच दी जाए।

क्या है अदाणी ग्रुप का प्लान?

सूत्र ने कहा, अदाणी के पास कंपनी की 44 फीसदी हिस्सेदारी है और वह एक छोटी हिस्सेदारी अपने पास बरकरार रख सकते हैं। बुधवार को मार्केट वैल्यूएशन को ध्यान में रखते हुए, अदाणी और विल्मर दोनों की हिस्सेदारी का मूल्य 22,613 करोड़ रुपये है।

हिस्सेदारी बेचकर ग्रुप कहां करेगा खर्च?

अदाणी ग्रुप इस आय का उपयोग देश भर में 2030 तक 84 अरब डॉलर मूल्य के इंन्फ्रास्ट्रक्चर और रिन्यूबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स की एक सीरीज में निवेश करने के लिए करेगा। ग्रुप ने ऊर्जा परिवर्तन पहल में 2030 तक 45 गीगावॉट रिन्यूबल एनर्जी कैपासिटी तक पहुंचने के लिए 2030 तक 75 अरब डॉलर के कुल निवेश की योजना बनाई है।

हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद बेचनी पड़ी थी हिस्सेदारी

हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद, ग्रुप ने अपने कर्ज को कम करने के लिए कई कदम उठाए, जिसमें ग्रुप की विभिन्न कंपनियों में प्रमोटरों की हिस्सेदारी GQG पार्टनर्स को 4.2 बिलियन डॉलर में और अदाणी ग्रीन एनर्जी में कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी को 475 मिलियन डॉलर में बेचना शामिल है।

इस बीच, अदामी विल्मर ने पैकेज्ड स्टेपल फूड प्रोडक्ट्स में अवसर और इस साल सितंबर में समाप्त तिमाही में मजबूत एक्जिक्यूशन के दम पर दोहरे अंक की मात्रा में वृद्धि दर्ज की। अपने ग्रामीण वितरण नेटवर्क को बढ़ाने पर अधिक ध्यान देने के कारण ग्रामीण बिक्री तेजी से बढ़ी।

4 फीसदी से ज्यादा चढ़े अदाणी विल्मर के शेयर

अदाणी विल्मर के शेयर आज यानी 7 दिसंबर को BSE और NSE, दोनों पर 4 फीसदी से ज्यादा चढ़कर बंद हुए। BSE पर कंपनी के शेयर 4.11 फीसदी चढ़कर 396.35 रुपये पर बंद हुए। वहीं, NSE पर कंपनी के शेयरों ने 16.35 अंकों की उछाल दर्ज की। अदाणी विल्मर के शेयर एनएसई पर 4.30 फीसदी उछलकर 397 रुपये पर बंद हुए।

First Published : December 6, 2023 | 7:15 PM IST