क्रिकेट की दुनिया के बेताज बादशाह सचिन तेंदुलकर अब घड़ी बनाने वाली स्विस कंपनी ऑडेमार्स पिजेट के प्रचार अभियान का हिस्सा होंगे।
हालांकि अगर कंपनी के सूत्रों पर यकीन किया जाए तो तेंदुलकर ने इस बाबत खुद पहल की है। घड़ी बनाने वाली कंपनियों में ऑडेमार्स पिजेट का एक अलग स्थान है और फार्म्यूला वन ड्राइवर रुबेन्स बैरिचेलो, एक्टर माइकल यो, गोल्फर विजय सिंह जैसी शख्सियतें कंपनी के अभियान का हिस्सा रह चुकी हैं। कंपनी हॉलिवुड एक्टर से राजनेता बने अर्नोल्ड श्वातर्जनेगर की चैरिटी के लिए भी एक घड़ी डिजायन कर चुकी है।
घड़ी बनाने वाली इस कंपनी का कहना है कि जहां तक प्रचार अभियानों (एनडोर्समेंट) की बात है, कंपनी का रवैया बिल्कुल अलग होता है। कंपनी के सीईओ ओलिवेरो बॉटिनेली कहते हैं कि इसके लिए एनडोर्समेंट शब्द का इस्तेमाल किया जाना भी उचित नहीं होगा। दरअसल कंपनी कुछ खास तरह की घड़ियां बनाती है और खुद से जुड़ी शख्सियतों को सीमित रॉयल्टी अदा करती है।
यहां तक कि हर किसी शख्सियत को घड़ी लेने की जरूरत होती है तो उन्हें इसके लिए कंपनी से बात करनी होती है। बॉटिनेली के मुताबिक, उनकी कंपनी से ज्यादातर वैसी ही शख्सियतें जुड़ती हैं, जिन्हें घड़ियों का काफी शौक होता है। कंपनी प्रचार अभियान के तहत किसी भी शख्सियत को अच्छी खासी रकम नहीं देती। वह कहते हैं कि वैसे भी उनकी कंपनी काफी छोटी है और वे इतना खर्च वहन नहीं कर सकते।
तेंदुलकर जल्द ही जो घड़ी पहनेंगे, वह घड़ी होगी ‘रॉयल ओक ऑफशोर’। यह रॉयल ओक की एक वरायटी है और इसे 1972 में लॉन्च किया गया था। हालांकि ऐसा पहली बार हो रहा है, जब घड़ी में स्टील का इस्तेमाल किया गया है और इसका आकार अष्टभुजाकार (ऑक्टोजोनल) होगा। तेंदुलकर की घड़ी में ब्लू रंग के चमड़े के बेल्ट और सफेद रंग के डायल के अलावा इस पर नबंर 10 भी लिखा होगा। साथ ही इस घड़ी का दूसरा संस्करण भी लाया जाएगा।
हर संस्करण की 150 घड़ियों का निर्माण किया जाएगा। इस घड़ी के पहले वर्जन की कीमत 35 हजार डॉलर (तकरीबन 14 लाख रुपये) होने की उम्मीद है, जबकि दूसरे वर्जन की कीमत इससे थोड़ी ज्यादा होगी। अगले कुछ महीनों में यह घड़ी बिक्री के लिए उपलब्ध होगी। कंपनी सालभर में अलग-अलग तरह की कुल 27 हजार घड़ियां बनाती है।