दिलीप सांघवी वैश्विक फार्मा कंपनी सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक के रूप में अपनी जिम्मेदारी अब अपने सहयोगी कीर्ति गणोरकर को सौंप रहे हैं। फार्मा कंपनी ने कहा कि यह कदम ‘सुव्यवस्थित और दूरदर्शी उत्तराधिकार योजना’ का हिस्सा है। दिलीप के बेटे आलोक सांघवी (जो कंपनी में पूर्णकालिक निदेशक और मुख्य परिचालन अधिकारी हैं) को उत्तर अमेरिका के व्यवसाय की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है, क्योंकि सन के उत्तर अमेरिका व्यवसाय के वर्तमान अध्यक्ष और मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) अभय गांधी छोड़ रहे हैं।
उद्योग के जानकारों का कहना है कि सन फार्मा के बेहद महत्त्वपूर्ण वैश्विक बाजार का प्रबंधन करने का अनुभव आलोक के लिए कंपनी में भविष्य में अग्रणी बनने का मजबूत आधार होगा। जहां गणोरकर 1 सितंबर से नई जिम्मेदार संभालेंगे, वहीं दिलीप बोर्ड के कार्यकारी चेयरमैन के तौर पर बने रहेंगे और स्पेशियल्टी पोर्टफोलियो को मजबूत बनाने पर ध्यान देंगे। इस पोर्टफोलियो का कंपनी की समेकित बिक्री में करीब 20 फीसदी योगदान है।
गणोरकर फिलहाल कंपनी के भारतीय कव्यवसाय के प्रमुख हैं। एमडी के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद सभी व्यावसायिक कार्यों की जानकारी गणोरकर को दी जाएगी। इस नियुक्ति के लिए आगामी वार्षिक आम बैठक में शेयरधारकों की मंजूरी ली जाएगी।
गणोरकर 1996 में सन फार्मा में शामिल हुए और जून 2019 से कंपनी के भारतीय व्यवसाय का नेतृत्व कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में कंपनी का भारतीय व्यवसाय लगातार बढ़ा है, जिससे उसकी बाजार हिस्सेदारी और मजबूत हुई है। सन भारत की सबसे बड़ी फार्मास्युटिकल कंपनी है जिसकी घरेलू बाजार में 8 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है।
उन्होंने सन फार्मा के व्यवसाय विकास, मार्केटिंग, विलय और अधिग्रहण (एमऐंडए), नई उत्पाद पेशकशों, परियोजना प्रबंध, बौद्धिक संपदा (आईपी) में अपना बड़ा योगदान दिया है। गणोरकर ने कहा कि कंपनी के एक प्रमुख वैश्विक फार्मास्युटिकल उद्यम में सकारात्मक बदलाव के सफर में भागीदार बनना बेहद शानदार अवसर है।
दिलीप ने कहा, ‘कीर्ति ने लगातार प्रभावी नेतृत्व का प्रदर्शन किया है और सन में अलग अलग जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया है। मुझे कंपनी को विकास के अगले चरण में ले जाने की उनकी क्षमता पर पूरा विश्वास है और उनकी सफलता के लिए मेरी शुभकामनाएं हैं।’