एक समय था, जब डब्ल्यूएनएस ग्लोबल सर्विसेज इंगलैंड की कंपनी ब्रिटिश एयरवेज की सहायक कंपनी के तौर पर काम करती थी।
आज आलम यह है कि उसने इंगलैंड की दूसरी कंपनी अवीवा की एक इकाई को खरीद लिया है। इस कमाल का सारा श्रेय 2004 से कंपनी के सीईओ और सह-संस्थापक रहे नीरज भार्गव को जाता है, जिनके कुशल नेतृत्व में कंपनी नित नए प्रतिमान स्थापित कर रही है। आज कंपनी का कारोबार 2000 करोड़ रुपये का है।
कंपनी के लिए जुलाई का महीना काफी महत्त्वपूर्ण रहा। यह लगातार दूसरा साल है, जब सॉफ्टवेयर कंपनियों के राष्ट्रीय संगठन नैसकॉम ने कंपनी को दूसरी सबसे बड़ी बीपीओ कंपनी करार दिया है। अब कंपनी 950 करोड़ रुपये में इंगलैंड की एक बड़ी बीमा कंपनी, जिसने भारत और श्रीलंका में अपना परचम लहराया है, की बीपीओ इकाई अवीवा ग्लोबल सर्विसेज को खरीदने के कगार पर है।
यह भारत में किसी बीपीओ कंपनी द्वारा किए गए सबसे बड़े अधिग्रहणों में से एक होगा। इस साल 2 जुलाई को कंपनी ने यात्रा उद्योग में अपनी पैठ बढाने के लिए एयरलाइंस रिपोर्टिंग कॉर्पोरेशन के साथ एक रणनीतिक समझौता किया है। इस समझौते के बाद राजस्व और प्रक्रिया प्रबंधन के हिसाब से कंपनी पर्यटन और आराम से जुड़े उद्योगों में लगी 18 वैश्विक एयरलाइंस कंपनियों से विस्तृत रूप में जुड़ जाएगी।
यह तो हुआ नीरज भार्गव की कंपनी का बेहतरीन प्रदर्शन। लेकिन इन सारे प्रदर्शन के पीछे भार्गव का मास्टर माइंड काम करता है। उन्होंने भारत की ऑफशोर कंपनी ईवेंचर्स इंडिया में मैनेजिंग पार्टनर के तौर पर काम किया। इसके अलावा वे मैकेंजी ऐंड कंपनी में भी बतौर पार्टनर काम कर चुके हैं। उन्होंने अपनी काबिलियत पर खुद भरोसा करते हुए वारबर्ग पिंकस के साथ स्वतंत्र रुप से बतौर कैपिटल फंडिंग का काम किया। इसके बाद उन्होंने एयरलाइंस से बाहर सोचना शुरू किया।
उसके बाद इसी जून में डब्ल्यूएनएस ने सैप सॉल्यूशन प्रदान करने वाले बिजएप्स को अधिग्रहीत किया। वैसे इसे कितने में अधिग्रहीत किया गया, उस रक म का खुलासा आज तक नहीं हो पाया है। अप्रैल में कंपनी ने ऑटो बीमा प्रदान करने वाली इंगलैंड की एक कंपनी कॉल 247 का अधिग्रहण 77 करोड रुपये में किया। भार्गव के नेतृत्व में कंपनी ने कु छ गैर-परंपरागत तरीकों को भी अपनाया और उसमें भी उसे सफलता मिली। मिसाल के तौर पर उन्होंने अपने बीपीओ के लिए श्रीलंका के तेज गेंदबाज लसिथ मलिंगा को ब्रांड एंबेसेडर बनाया और यह करने वाली वह भारत की पहली बीपीओ कंपनी बन गई।
एक्सेंचर ने भी गोल्फ खिलाड़ी टाइगर वुडस को अपना शुभंकर बनाया था, लेकिन वह तो बहुराष्ट्रीय कंपनी थी। भार्गव ने अखबार को बताया कि जिस तेजी के साथ हमारे कर्मचारी कंपनी छोड़ रहे हैं, वह हमें मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएनएस में 15,000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। हमारे यहां एट्रीशन रेट 43 प्रतिशत है। उनके अगले कदम से कंपनी को और ज्यादा कर्मचारियों की जरूरत होगी और इस दिशा में भार्गव का अगला कदम देखने वाला होगा।