देश के सबसे बड़े कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक खुदरा और एमएसएमई गोल्ड कारोबार में आक्रामक होने का मन बना रहा है। बैंक की योजना मार्च 2021 तक इस पोर्टफोलियो को तीन गुना बढ़ाकर 20,000 करोड़ रुपये करने की है। इस दिशा में गतिविधियां बढ़ाने और प्रतिक्रिया का वक्त कम करने के लिए बैंक अपने डिजिटल बैंकिंग प्लेटफॉर्म योनो का इस्तेमाल करेगा।
भारतीय स्टेट बैंक सहित बैंकों के पास सस्ता जमा उपलब्ध रहता है, जिसकी वजह से उन्हें गोल्ड लोन कंपनियों पर बढ़त है और इससे उन्हें सस्ती दरों पर कर्ज देने में मदद मिलेगी। लेकिन मुथूट और मणप्पुरम जैसी कंपनियों से तुलना की जाए तो बैंक कर्ज देने में पिछड़ जाते हैं क्योंकि ये कंपनियां ग्राहकों को त्वरित प्रतिक्रिया देती हैं।
स्टेट बैंक के प्रबंध निदेशक (खुदरा एवं डिजिटल बैंकिंग) सीएस सेट्टी ने कहा कि बैंक ऋण 200 से 300 आधार अंक सस्ते (गोल्ड लोन कंपनियों की तुलना में) हैं। अब डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म की वजह से प्रतिक्रिया का वक्त घटकर 30 मिनट रह जाएगा, जो पहले दो घंटे था। पर्सनल गोल्ड लोन पर ब्याज दर 7.5 प्रतिशत है। एसएमई गोल्ड लोन पर ब्याज दर 7.65 प्रतिशत है और साथ ही योनो पर कृषि गोल्ड लोन भी उपलब्ध है।
भारतीय स्टेट बैंक की सालाना रिपोर्ट 2019-20 में कहा है, ‘वैश्विक महामारी कोविड-19 ने हमारे ग्राहकों की प्राथमिकताएं बदल दी हैं। इस समय बड़ा अवसर है कि डिजिटल चैनल की स्वीकार्यता बैंकिंग लेनदेन में बढ़ाई जाए। बैंक आगे योनो को और बढ़ाएगा और नई पेशकश जैसे पर्सनल गोल्ड लोन की पेशकश कर इस प्लेटफॉर्म को आगे और मजबूत करेगा।’
बैंक पहले ही योनो पर आए पर्सनल गोल्ड लोन के 4,400 आवेदनों पर पर काम कर रहा है, साथ ही हर दिन मैनुअल काम भी हो रहा है।
उन्होंने कहा कि पर्सनल लोन के अलावा एसबीआई ने योनो पर एसएमई के लिए गोल्ड लोन सुविधा शुरू की है। इसने 3,400 लोगों को कर्ज दिया है। गोल्ड लोन पोर्टफोलियो- खुदरा और एसएमई इस समय करीब 6,000 करोड़ रुपये का है, जिसे बैंक ने मार्च 2021 तक बढ़ाकर 20,000 करोड़ रुपये करने की योजना बनाई है।
इसके अलावा योनो प्लेटफॉर्म पर कृषि गोल्ड लोन के करीब 15,000 आवेदन आए हैं, जिन पर कार्रवाई चल रही है। कृषि ऋण का पोर्टफोलियो करीब 57,000 करोड़ रुपये का है। यह 3 से 6 महीने की कम अवधि के ऋण हैं। इसलिए कृषि गोल्ड लोन में तेज बढ़ोतरी नहीं हो रही है। सेट्टी ने कहा कि कृषि गोल्ड अग्रिम के मामले में मासिक कर्ज महत्त्वपूर्ण संकेतक है।
सोने के दाम उच्च स्तर पर हैं। ऐसे में कर्जदाताओं को कीमतों में उतार चढ़ाव का जोखिम है। ऐसे में त्वरित फैसला करने के लिए स्टेट बैंक ने सोने के मूल्य के रोजाना के आधार पर निगरानी की व्यवस्था बनाई है।
हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों के लिए सोने पर कर्ज और मूल्य का अनुपात (एलटीवी) 75 प्रतिशत से बढ़ाकर 90 प्रतिशत कर दिया है। बहरहाल स्टेट बैंक एलटीवी का 90 प्रतिशत कर्ज केवल चुनिंदा मामलों में ही देगा। उन्होंने कहा कि ज्यादातर कर्ज में सोने के मूल्य के हिसाब से कर्ज 62 से 65 प्रतिशत ही आता है।
भारत में सोने के आभूषण से लोगों की भावनाएं जुड़ी होती हैं, ऐसे में लोग अपनी तात्कालिक वित्तीय जरूरतें पूरी करने के लिए बमुश्किल ही गहने बेचते हैं। विकल्प के रूप में लोग आभूषण को गिरवी रखकर कम अवधि के लिए कर्ज लेते हैं।