स्टार्टअप भारत की ओर फिर से अपना रुख कर रही हैं और स्थानांतरण करने का प्रयास कर रहे हैं। आर्थिक समीक्षा 2023 के अनुसार, आसानी से पूंजी मिलने और भारत की पूंजी बाजार की बढ़ती परिपक्वता के कारण स्टार्टअप भारत में अपना स्थान फिर से खोज रही हैं।
इससे करीब एक महीने पहले फोनपे के निवेशकों को फिनटेक यूनिकॉर्न को सिंगापुर से भारत में स्थानांतरण करने के लिए करों में लगभग 8,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ा था।
हालिया वीडियो सत्र के दौरान, फोनपे के संस्थापक ने कहा था कि करीब 20 से अधिक यूनिकॉर्न स्टार्टअप और उनके निवेशक भारत फिर से लौटने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर कानून में कोई लचीलापन आता है तो ये कंपनियां भारत में अपना ठिकाना बना लेंगी।
समीक्षा में कई कर चरणों को सरल बनाने, कर मुकदमेबाजी के कारण अनिश्चितता का समाधान करने, विशेष रूप से एम्प्लाई स्टॉक ऑप्शंस (ईसॉप्स) के लिए, सामाजिक नवाचार और निवेश जैसे उभरते क्षेत्रों में स्टार्टअप के लिए समर्थन करने और फंडिंग परिदृश्य खोजने और निजी संस्थाओं के साथ साझेदारी के माध्यम से मेंटरशिप कार्यक्रम की सुविधा प्रदान करने जैसे उपाय भी सुझाए गए हैं।
समीक्षा में कई चुनौतियों के बारे में भी जिक्र किया गया है जो स्टार्टअप को देखने को मिल सकती हैं। इसमें फंडिंग, राजस्व प्राप्त करने में समस्याएं, सहायक बुनियादी ढांचे तक आसान पहुंच की कमी, और एक जटिल नियामक कर व्यवस्था शामिल है। समीक्षा में यह भी कहा गया है कि कई स्टार्टअप उन देशों में अपना मुख्यालय स्थापित कर रही हैं जहां उन्हें अनुकूल कानूनी व्यवस्था और कराधान नीतियों में आसानी समझ आती है। इसे तकनीकी रूप से ‘फ्लिपिंग’ कहा जाता है।
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फ्लिपिंग का मतलब भारतीय कंपनी का पूरा स्वामित्व दूसरे देश की कंपनी को स्थानांतरित कर दिया जाए। इसमें भारतीय कंपनी का पूरा आईपी और सभी तरह का डेटा स्थानांतरण विदेशी कंपनी को कर दिया जाता है। यह प्रभावी रूप से एक भारतीय कंपनी को एक विदेशी इकाई की 100 फीसदी सहायक कंपनी में बदल देता है।