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सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पहला प्राइवेट लॉन्च पैड उड़ान के लिए तैयार, Agnikul Cosmos के CEO ने बताया प्लान

अग्निकुल द्वारा प्रक्षेपित होने वाले यान की दूसरी बड़ी खासियत यह रहेगी कि यह दुनिया का पहला सिंगल पीस 3डी प्रिंटेड इंजन रहेगा, जो पूरी से भारत में ही तैयार किया गया है।

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शाइन जेकब   
Last Updated- February 07, 2024 | 10:43 PM IST

भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र के अधिकतर स्वर्णिम पलों का गवाह रहने वाला श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र एक और इतिहास रचने के लिए तैयार है। चेन्नई की अंतरिक्ष स्टार्टअप कंपनी अग्निकुल कॉस्मॉस भारत के पहले निजी लॉन्च पैड से उपग्रह प्रक्षेपित करने की तैयारी कर रही है। उसकी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो भारत में किसी निजी कंपनी द्वारा दूसरे उपग्रह को जल्द ही प्रक्षेपित किया जाएगा।

अग्निकुल के सह-संस्थापक और मुख्य कार्य अधिकारी श्रीनाथ रविचंद्रन ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा कि अगर अंतिम चरण को मंजूरी मिल जाती है तो प्रक्षेपण यान अग्निबाण इस वित्त वर्ष के दौरान ही श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया जाएगा। अग्निबाण दो चरण वाला प्रक्षेपण यान है। यह 100 किलोग्राम तक के पेलोड को पृथ्वी की निचली कक्षा तक करीब 700 किलोमीटर तक ले जाने की क्षमता रखता है। अग्निकुल द्वारा प्रक्षेपित होने वाले यान की दूसरी बड़ी खासियत यह रहेगी कि यह दुनिया का पहला सिंगल पीस 3डी प्रिंटेड इंजन रहेगा, जो पूरी से भारत में ही तैयार किया गया है। यान प्लग ऐंड प्ले वाले इंजन से लैस है जो इस मिशन की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया गया है।

रविचंद्रन ने कहा, ‘हम उस चरण में जहां सभी कागजी कार्रवाई पूरी हो चुकी है। सिर्फ आखिरी चरण बाकी है। परीक्षण भी पूरा हो चुका है और अधिकतर कार्य श्रीहरिकोटा भेजे जा चुके हैं। हम इसके काफी करीब है। उम्मीद है कि इस वित्त वर्ष के दौरान ही यान का प्रक्षेपण पूरा हो जाएगा।’

निजी क्षेत्र की कंपनी स्काई रूट एरोस्पेस ने नवंबर 2022 में प्रक्षेपण यान विक्रम-एस को सफलतापूर्वक तैयार और संचालित किया। कंपनी ने अंतरिक्ष क्षेत्र की लड़ाई में एसडीएससी एसएचएआर को पछाड़ कर ऐसा करने वाली पहली कंपनी बनी। स्काई रूट के इतर अग्निकुल बिना आवाज वाले यान के साथ आ रही है। यह एक नियंत्रित यान रहेगा जो कक्षीय श्रेणी के यानों के जैसा ही होगा।

साल 2017 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के प्रोफेसर श्रीनाथ रविचंद्रन, मोईन एसपीएम और एसआर चक्रवर्ती ने अग्निकुल की स्थापना की थी और दिसंबर 2020 में यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ करार करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई। यह समझौता इन-स्पेस पहल के तहत किया गया था।

कंपनी भारत की सबसे बड़ी रकम जुटाने वाली अंतरिक्ष स्टार्टअप में से एक है। इसने अब तक 4.2 करोड़ डॉलर जुटाए हैं। रविचंद्रन ने कहा, ‘एक बार प्रक्षेपण पूरा होने के बाद हम और अधिक रकम जुटाने की कोशिश करेंगे।’

First Published : February 7, 2024 | 10:43 PM IST