चेन्नई की कंपनी इंडिया सीमेंट्स के अधिग्रहण की जंग छिडऩे के आसार नजर आ रहे हैं। अरबपति शेयर ब्रोकर आरके दमानी ने हाल ही में बाजार से कंपनी की 20 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली है। इसके बाद कंपनी के प्रवर्तक एन श्रीनिवासन ने कह है कि अगर दमानी कंपनी के अधिग्रहण की कोशिश करते हैं तो वह पूरी ताकत से उनके खिलाफ लड़ेंगे।
श्रीनिवासन के खेमे से जुड़े एक सूत्र ने कहा, ‘श्रीनिवासन आसानी से कंपनी को अपने हाथ से नहीं निकलने देंगे। वह पहले भी जबरन अधिग्रहण की कई कोशिशों से जूझ चुके हैं और हर बार जीत उन्हीं की हुई है।Ó
आज के शेयर भाव के मुताबिक इंडिया सीमेंट्स की कीमत 4,094 करोड़ रुपये है और कंपनी में 28.26 फीसदी हिस्सेदारी श्रीनिवासन की है। 31 मार्च, 2020 तक की जानकारी के मुताबिक प्रवर्तकों की कुल हिस्सेदारी का 27.18 फीसदी हिस्सा गिरवी है। कंपनी का शेयर पिछले एक साल के दौरान 42 फीसदी चढ़ा है और आज यह 132 रुपये पर बंद हुआ।
हालांकि इंडिया सीमेंट्स के अधिकारी दमानी द्वारा हिस्सेदारी के अधिग्रहण पर आधिकारिक रूप से कुछ नहीं बोले मगर अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि दमानी ने मौजूदा प्रबंधन में छेड़छाड़ की तो कंपनी के परिचालन पर भी असर पड़ेगा। ऐसा दमानी और कंपनी दोनों के लिए ही अच्छा नहीं होगा।
कंपनी द्वारा दी गई सूचना के अनुसार एवेन्यू सुपरमार्केटïस को सूचीबद्घ कराकर अच्छी खासी संपत्ति कमाने वाले दमानी पिछले कुछ महीनों से शेयर खरीद रहे हैं।
इंडिया सीमेंट्स ने इस साल 28 फरवरी को पहली बार बताया था कि गोपीकिशन एस दमानी और उनके साथी खुले बाजार से शेयर खरीदकर कंपनी में 7.27 फीसदी हिस्सेदारी ले चुके हैं। उसके बाद से दमानी परिवार ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 20 फीसदी कर ली है। अगर हिस्सेदारी 25 फीसदी हो गई तो सेबी की अधिग्रहण संहिता के मुताबिक शेयरधारकों के लिए खुली पेशकश लाई जा सकती है। दमानी खुली पेशकश ले आए तो श्रीनिवासन को जवाब में शेयरधारकों के लिए बेहतर भाव की पेशकश करनी पड़ेगी। इंडिया सीमेंट्स पर जिन वित्तीय संस्थाओं का कर्ज है या जिनकी कंपनी में हिस्सेदारी है, उनके सूत्रों ने कहा कि इंडिया सीमेंट्स में धोखाधड़ी या कुप्रबंधन का कोई गंभीर आरोप सामने नहीं आया तो वे मौजूदा प्रबंधन को बदलने के पक्ष में नहीं हैं। एक बड़ी वित्तीय संस्था के अधिकारी ने कहा, ‘हम कोई छेड़छाड़ नहीं करना चाहते।Ó
इंडिया सीमेंट्स लिमिटेड के लिए अधिग्रहण की लड़ाई कॉरपोरेट जंग की नई कहानी होगी। कंपनी की स्थापना 1946 में एन टी एस नारायणस्वामी (एन श्रीनिवासन के पिता) और उनके भाई एसएनएन शंकरलिंग अय्यर ने की थी।
