नकदी किल्लत से जूझ रही स्पाइसजेट ने मंगलवार को बीएसई को भेजी जानकारी में इसकी पुष्टि की कि उसने दिवालिया एयरलाइन गो फर्स्ट को खरीदने के लिए उसके रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (आरपी) शैलेंद्र अजमेरा के समक्ष अपनी इच्छा जता दी है।
स्पाइसजेट को पिछली कई तिमाहियों से नकदी संकट का सामना करना पड़ा है। उसे पूर्व मालिक कलानिधि मारन, वित्तीय सेवा फर्म क्रेडिट सुइस, विमान पट्टेदारों और इंजन पट्टेदारों पर बकाया धन के संबंध में कई अदालती मामलों से भी जूझना पड़ रहा है।
इस बीच, कंपनी के बोर्ड ने 12 दिसंबर को 64 इकाइयों से नई पूंजी के तौर पर 2,250 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी दी थी, जिनमें वित्तीय संस्थान, विदेशी संस्थागत निवेशक, अमीर निवेशक (एचएनआई) और निजी निवेशक भी शामिल हैं। यह राशि इक्विटी शेयरों और वारंट के जरिये जुटाई जाएगी।
एयरलाइन ने 2023-24 की दूसरी तिमाही में 449.04 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध नुकसान दर्ज किया, जो एक साल पहले के मुकाबले कुल नुकसान में 46 प्रतिशत की कमी है।
कुछ दिन पहले यह खबर आई थी कि स्पाइसजेट और दो अन्य कंपनियों ने गो फर्स्ट खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। गो फर्स्ट के लिए अभिरुचि पत्र सौंपने की आखिरी तारीख 28 सितंबर थी।
स्पाइसजेट ने अक्टूबर में दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया था कि अपने पूर्व मालिक कलानिधि मारन को बकाया चुकाने का आदेश मिलने के बाद से उसे मुश्किल का सामना करना पड़ रहा था। पिछले साल एयरलाइन का समेकित शुद्ध नुकसान 1,513 करोड़ रुपये था।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को स्पाइसजेट से कहा कि वह अपना बकाया निपटाने के लिए 3 जनवरी तक दो इंजन पट्टेदारों को 4.5 लाख डॉलर का भुगतान करे। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने सुनवाई के दौरान एयरलाइन को बताया, ‘आप अपनी उड़ानें रद्द कर सकते हैं, हम मदद नहीं कर सकते।’ एयरलाइन से दो इंजन पट्टेदारों को इंजन लौटाने की योजना के बारे में एक हलफनामा सौंपने को भी कहा गया है।