नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने स्पाइसजेट की उड़ानों को सीमा 50 फीसदी तक रखने के आदेश को एक और महीने के लिए बढ़ा दिया है। जारी प्रतिबंध का उड़ानों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि विमानन कंपनी वैसे भी ग्रीष्मकालीन समयसारणी में 50 फीसदी से कम उड़ानों का संचालन कर रही है। नागरिक उड्डयन नियामक ने सुरक्षा उल्लंघनों को देखते हुए 27 जुलाई को स्पाइसजेट की उड़ानों पर आठ सप्ताह की अवधि के लिए 50 फीसदी की सीमा निर्धारित कर दी थी।
डीजीसीए के संयुक्त निदेशक मनीष कुमार ने बुधवार को एक आदेश में कहा, समीक्षा में यह पता चला है कि सुरक्षा घटनाओं की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है। हालांकि, अत्यधिक सावधानी के रूप में सक्षम प्राधिकारी ने निर्णय लिया है कि 27 जुलाई, 2022 के आदेश में लगाया गया प्रतिबंध ग्रीष्मकालीन समयसारणी में अंत तक यानी 29 अक्टूबर, 2022 तक लागू रहेगा। कुमार ने कहा, स्पाइसजेट को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसके पास अपनी स्वीकृत उड़ानों में से 50 फीसदी से अधिक संचालित करने के लिए पर्याप्त तकनीकी सहायता और वित्तीय संसाधन हैं और डीजीए द्वारा विमानन सेवा लगातार निगरानी में बनी रहेगी।
स्पाइसजेट ने प्रतिबंधों के विस्तार पर तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। जुलाई में निमानन कंपनी ने कहा था कि वह नियामक के मार्गदर्शन में काम करना जारी रखेगी। डीजीसीए ने जुलाई के पहले सप्ताह में स्पाइसजेट को एक महीने के भीतर कारण बताओ नोटिस जारी किया था। डीजीसीए ने उड़ानों में आठ घटनाओं के बाद सुरक्षित, कुशल और विश्वसनीय सेवाएं स्थापित करने में विफल रहने के लिए जवाब मांगा था। विमानन कंपनी से तीन हफ्ते में यह बताने को कहा गया था कि उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जाए। इससे पहले, पिछले साल एक वित्तीय ऑडिट के बाद, डीजीसीए ने पाया कि स्पाइसजेट के पास स्पेयर पार्ट्स की कमी थी।
27 जुलाई को एक अंतरिम आदेश में डीजीसीए ने एयरलाइन पर प्रतिबंध लगा दिया। स्पाइसजेट द्वारा वित्तीय तनाव और फंडिंग में देरी के बीच अपने 80 पायलटों को बिना वेतन के छुट्टी पर रखने के एक दिन बाद यह घटनाक्रम सामने आया है। स्पाइसजेट ने लगभग 30 बोइंग 737एनजी विमानों को शामिल किया था, जो पहले जेट एयरवेज द्वारा संचालित था। इन्हें ईंधन के मामले में किफायती विमान, बोइंग 737 मैक्स द्वारा प्रतिस्थापित किया जाना था, लेकिन पहले उड़ानें में रुकावट के कारण और बाद में महामारी के कारण डिलीवरी रोक दी गई थी।