जापानी निवेश कंपनी सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प (SoftBank Group Corp) के संस्थापक और सीईओ मासायोशी सोन ने इशारा दिया है कि वे अब कंपनी की कमान किसी और को सौंपने के लिए मानसिक रूप से तैयार हैं। टोक्यो में शुक्रवार को हुई सॉफ्टबैंक की वार्षिक आम बैठक में 67 वर्षीय सोन ने कहा, “मैं किसी भी वक्त ज़िम्मेदारी सौंपने के लिए तैयार हूं।”
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, सोन अब कंपनी के भविष्य के लिए अगली पीढ़ी को तैयार करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। लंबे समय से तकनीक और टेलिकॉम सेक्टर में सक्रिय सॉफ्टबैंक के लिए यह नेतृत्व परिवर्तन एक अहम मोड़ साबित हो सकता है।
हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया कि फिलहाल उत्तराधिकारी के नाम की औपचारिक घोषणा नहीं की जाएगी। उनका मानना है कि जल्दबाज़ी में नाम बताने से उत्तराधिकारी अहंकारी हो सकता है।
सोन का ध्यान अब पूरी तरह कृत्रिम सुपर इंटेलिजेंस (ASI) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में आगे बढ़ने पर है। उन्होंने कहा, “हम दुनिया की सबसे बड़ी ASI प्लेटफॉर्म कंपनी बनना चाहते हैं। यह सब कुछ जीतने वाला क्षेत्र होगा।”
सॉफ्टबैंक पहले ही यूके स्थित चिप डिजाइन कंपनी आर्म होल्डिंग्स को नियंत्रित करता है और AI में आक्रामक निवेश की रणनीति अपना रहा है। कंपनी ने अमेरिका की OpenAI में 30 अरब डॉलर तक निवेश करने की योजना बनाई है। इसके अलावा सॉफ्टबैंक ने यूके की स्टार्टअप ग्राफकोर का अधिग्रहण किया है और अब US स्थित एम्पियर कम्प्यूटिंग को खरीदने की तैयारी में है।
सोन अमेरिका के एरिज़ोना राज्य में चीन के शेनझेन की तर्ज पर एक बड़ा तकनीकी विनिर्माण हब बनाना चाहते हैं, जहां चिप और AI से जुड़ा इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा किया जाएगा। इस योजना में दुनिया की दिग्गज चिप निर्माता कंपनी TSMC के साथ साझेदारी भी प्रस्तावित है, जो पहले ही एरिज़ोना में 165 अरब डॉलर का निवेश कर रही है।
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दुनिया भर में तकनीकी कंपनियों में बड़े निवेश करने वाली सॉफ्टबैंक ने भारत में भी स्टार्टअप इकोसिस्टम को नया आकार देने में बड़ी भूमिका निभाई है। CNBC-TV18 की रिपोर्ट के मुताबिक, सॉफ्टबैंक ने भारत में अब तक 10 अरब डॉलर से ज़्यादा का निवेश 24 से अधिक कंपनियों में किया है।
इनमें पेटीएम, ओला इलेक्ट्रिक, डेल्हीवरी, फर्स्टक्राय, पॉलिसीबाज़ार, यूनिकॉमर्स और स्विगी जैसी कंपनियां शामिल हैं। सॉफ्टबैंक के इन निवेशों की वजह से कई कंपनियां तेज़ी से आगे बढ़ीं और सफल IPO भी लाए। ओला इलेक्ट्रिक और फर्स्टक्राय जैसी कंपनियों में उसे तीन गुना तक रिटर्न मिला है।
सॉफ्टबैंक का भारत में AI आधारित नवाचार पर ज़ोर और आक्रामक पूंजी निवेश इसे देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था का एक अहम भागीदार बनाता है।
सॉफ्टबैंक की दीर्घकालिक तरक्की और उसकी साहसिक निवेश नीति का आधार उसके खुदरा निवेशकों का भरोसा रहा है, खासकर जापान के निवेशकों का। बहुत-से जापानी निवेशक डॉट-कॉम युग से भी पहले से सॉफ्टबैंक के शेयरों को थामे हुए हैं, इस उम्मीद में कि एक दिन कंपनी अपने पुराने उच्च स्तरों को पार कर जाएगी।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल होने वाली सॉफ्टबैंक की शेयरधारकों की बैठक, कंपनी के संस्थापक मासायोशी सोन के लिए एक अहम मौका होती है। इस मंच से वे भविष्य की तकनीकों को लेकर अपनी सोच साझा करते हैं और निवेशकों में भरोसा बनाए रखने की कोशिश करते हैं।