आय में सुस्ती से थम सकती है तेजी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 14, 2022 | 10:15 PM IST

शुरुआती दौर में नतीजे पेश करने वाली कंपनियों के नतीजे उम्मीद से बेहतर रहे क्योंंकि फर्मों को अर्थव्यवस्था अनलॉक होने का फायदा मिला। लेकिन यह निफ्टी-50 की फर्मों की प्रति शेयर आय में बहुत ज्यादा की बढ़ोतरी की नहीं कर पाया। टीसीएस की तरफ से 7 अक्टूबर को नतीजे पेश किए जाने के बाद से आय सीजन के पहले दो हफ्ते में इंडेक्स की प्रति शेयर आय पिछले 12 महीने के आधार पर महज एक फीसदी बढ़ी है और यह महीने के शुरू में रही 344 रुपये के मुकाबले शुक्रवार तक 347 रुपये तक ही पहुंच पाई है।
विश्लेषकों ने कहा कि निफ्टी कंपनियों की आय में रफ्तार का अभाव इंडेक्स के सीमित दायरे में रहने की एक वजह हो सकती है, जो टीसीएस व अन्य तकनीकी दिग्गजों के नतीजे पेश होने से पहले के दो हफ्ते में करीब 1000 अंक चढ़ा था। टीसीएस के नतीजे के बाद बाजार 11,900 से 12,100 के सीमित दायरे में रहा है।
इक्विनॉमिक्स रिसर्च ऐंड एडवाइजरी के संस्थापक व प्रबंध निदेशक जी चोकालिंगम ने कहा, बाजार ने अब तक उन कंपनियों को पुरस्कृत किया है जिनके शुद्ध लाभ व शुद्ध बिक्री में तिमाही आधार पर अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई है। सितंबर तिमाही में ज्यादातर कंपनियों की आय जून तिमाही के मुकाबले बेहतर रही है लेकिन सालाना आधार पर बढ़त सुस्त रही है, जो उनकी लंबी अवधि की आय को प्रभावित कर रहा है।
इंडेक्स की जिन 16 कंपनियों ने सितंबर तिमाही के नतीजे घोषित किए हैं उनमें से आधी ने सालाना आधार पर शुद्ध लाभ में इजाफा दर्ज किया है, वहीं बाकी आधी कंपनियों ने शुद्ध लाभ में गिरावट दर्ज की है। क्रमिक आधार पर 16 में से 13 कंपनियों ने आय में बढ़ोतरी देखी है और सिर्फ तीन कंपनियों ने आय में गिरावट दर्ज की है।
इंडेक्स की 16 कंपनियों का संयुक्त शुद्ध लाभ तिमाही में सालाना आधार पर 1.3 फीसदी बढ़ा है, जो पहली तिमाही में 3.8 फीसदी की गिरावट के मुकाबले सुधार दर्शाता है, लेकिन पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में हुई सालाना आधार पर 16.7 फीसदी की बढ़त के मुकाबले सुस्ती दिखाता है।
इन 16 कंपनियोंं का संयुक्त राजस्व तिमाही दर तिमाही के आधार पर 8.5 फीसदी बढ़ा है जबकि जून तिमाही में तिमाही आधार पर यह 1.6 फीसदी घटा था और पिछले साल की समान तिमाही में सालाना आधार पर उसमें 9.3 फीसदी का इजाफा हुआ था।
इसकी तुलना में इंडेक्स कंपनियों का संयुक्त शुद्ध लाभ तिमाही आधार पर करीब 20 फीसदी बढ़ा है, वहीं राजस्व में 12 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। अब निफ्टी की प्रति शेयर आय में गिरावट की आशंका है क्योंंकि आगामी हफ्तों में और कंपनियां अपने नतीजे घोषित करेगी। चोकालिंगम ने कहा, शुरुआती नतीजे में आईटी, खुदरा बैंक व एफएमसीजी का वर्चस्व है लेकिन जब विनिर्माण, ऊर्जा उत्पादक व कॉरपोरेट लेनदार अपने नतीजे घोषित करेंगे तो इंडेक्स की कुल आय सिकुडऩी शुरू हो सकती है।
यह शेयर कीमतों प दबाव ला सकता है और बाजार में गिरावट आ सकती है। चोकालिंगम को दिसंबर के आखिर तक इंडेक्स में 10 फीसदी गिरावट की आशंका है। अन्य हालांकि इसे निराशावादी बताते हैं। सिस्टमैटिक्स इंस्टिट््यूशन इक्विटी के शोध प्रमुख धनंजय सिन्हा ने कहा, ज्यादातर अहम नतीजे उम्मीद के मुताबिक आए हैं और संकेत देते हैं कि कंपनियों की आय सुधार की राह पर है। निफ्टी स्पष्ट तौर पर निचला स्तर छोड़ चुका है और यहां से इसमें सिर्फ सुधार ही हो सकता है।

First Published : October 26, 2020 | 12:32 AM IST