दिग्गज शेयरधारकों ने सत्यम की दुर्दशा का पता चलते ही इससे किनारा करना शुरू कर दिया है। बीएनपी पारिबा को तो शायद पहले ही इसका अंदाजा लग गया था,
इसीलिए कंपनी ने पिछले हफ्ते ही सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज में अपनी समूची हिस्सेदारी बेच दी। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) भी अब इस दिशा में सोचने लगा है।
बीएनपी पारिबा ने दिसंबर के महीने में खस्ताहाल सत्यम के शेयरों को खरीदकर अपनी हिस्सेदारी दस गुना कर ली थी।
सुंदरम बीएनपी पारिबा असेट मैनेजमेंट के इक्विटी प्रमुख सतीश रामनाथन ने बताया कि अपनी समूची 5 फीसदी हिस्सेदारी को बेचकर कंपनी समय रहते सत्यम से बाहर निकल गई। सुंदरम के सत्यम में पांच लाख शेयर थे। दिसंबर के अंत तक इन शेयरों की कुल कीमत 88 करोड़ रुपये थी।
रामलिंग राजू ने जैसे ही पिछले कुछ साल से कंपनी के बहीखातों में धोखाधड़ी की बात स्वीकार की कंपनी के शेयरों में 80 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
एलआईसी सोच में
एलआईसी की सत्यम में 4.34 फीसदी हिस्सेदारी है और वह जल्द ही इस हिस्सेदारी पर विचार करने की योजना बना रही है क्योंकि सत्यम का भविष्य अनिश्चय में है।
एलआईसी के प्रबंध निदेशक और प्रमुख (निवेश) थॉमस मैथ्यू टी ने बताया, ‘हम लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं। इसीलिए इस तरह के बदलावों से हमारी योजना पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
हम किसी भी कंपनी के बुनियादी ढांचे को देखकर उसमें निवेश करते हैं। हमारी निवेश समिति और इक्विटी शोध टीम मिलकर सत्यम में हमारी हिस्सेदारी पर फैसला करेगी।’
सोमैया ने ठोक दिया मुकदमा
भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने सत्यम के पूर्व अध्यक्ष बी. रामलिंग राजू के खिलाफ मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में आपराधिक धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है।
सोमैया ने राजू के साथ-साथ उनकी कंपनी को ऑडिट करने वाली कंपनी प्राइसवाटरहाउस कूपर्स के ऑडिटरों को भी इस मामले में आरोपी बनाया है। सोमैया, लघु निवेशक शिकायत एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं।