चेन्नई का श्रीराम ग्रुप मौजूदा वित्त वर्ष में परिसंपत्ति पुनर्निर्माण (एआरसी) कारोबार में उतरने वाला है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड ने कहा कि इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक से कंपनी को मंजूरी भी मिल चुकी है।
समूह ने बीते साल नवंबर में घोषणा की थी कि वह एआरसी और धन प्रबंधन कारोबार में प्रवेश करने की योजना बना रहा है। कंपनी का धन प्रबंधन कारोबार श्रीराम कैपिटल की सहायक इकाई श्रीराम क्रेडिट के अधीन रहेगा और परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कारोबार का प्रबंधन श्रीराम कैपिटल करेगी।
श्रीराम फाइनैंस के कार्यकारी चेयरमैन उमेश रेवणकर ने कहा, ‘हमें एआरसी कारोबार के लिए रिजर्व बैंक से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। हम इस पर काम कर रहे हैं। एआरसी और धन प्रबंधन कारोबार दोनों समूह की पहल हैं।’
धन प्रबंधन कारोबार में प्रवेश के लिए समूह पहले से ही कई भागीदारों के साथ विमर्श कर रहा है। एक अन्य सूत्र ने कहा कि एआरसी कारोबार इसी वित्त वर्ष के दौरान शुरू किया जाएगा।
दूसरी ओर, भारत की सबसे बड़ी खुदरा गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी) श्रीराम फाइनैंस (एसएफएल)ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में उसकी प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों (एयूएम) में वृद्धि उसके अनुमान के अनुसार ही 15 फीसदी रहेगी और इसमें बदलाव की कोई संभावना नहीं दिख रही है। पहली तिमाही के अंत तक एनबीएफसी का कुल एयूएम 21 फीसदी बढ़कर 2,33,443.63 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले की इसी तिमाही में 1,93,214.67 करोड़ रुपये था।